नयी दिल्ली- भारत के शीर्ष भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थन में उतरते हुए शुक्रवार को कहा कि खिलाड़ियों को सड़कों पर देखना दुखद है और इन्हें जल्द से जल्द इंसाफ मिलना चाहिए।
टोक्यो ओलंपिक 2020 के गोल्ड मेडलिस्ट नीरज ने ट्वीट किया, “हमारे एथलीटों को न्याय के लिए सड़कों पर उतरते देखना दुखद है। उन्होंने हमारे महान देश का प्रतिनिधित्व करने और हमें गौरव दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की है।”
उन्होंने कहा, “एक राष्ट्र के रूप में हर व्यक्ति की अखंडता और गरिमा की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है, चाहे वह एथलीट हो या न हो। जो हो रहा है वह नहीं होना चाहिए।”
गौरतलब है कि बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित देश के कई नामचीन पहलवान बीते रविवार से डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
पहलवानों ने श्री बृजभूषण पर यौन शोषण जैसे कई संगीन आरोप लगाए हैं और उनकी मांग है कि उन्हें अध्यक्ष पद से हटाकर पुलिस द्वारा मामले की जांच की जाए। पहलवानों ने यह मांग भी की है कि खेल मंत्रालय द्वारा द्वारा गठित डब्ल्यूएफआई की निगरानी समिति की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
नीरज ने कहा, “यह एक संवेदनशील मुद्दा है और इसे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निपटाया जाना चाहिए। संबंधित अधिकारियों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।”
पहलवानों ने अपनी मांगों के साथ उच्च न्यायालय का रुख किया है। न्यायालय ने श्री बृजभूषण पर लगे यौन शोषण के आरोपों को गंभीर बताया है अउ दिल्ली पुलिस को एफआईआर के आदेश दिए है।
भारत को क्रिकेट विश्व कप 1983 जिताने वाले कप्तान कपिल देव भी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के पक्ष में उतर आये।
कपिल ने इंस्टाग्राम पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “क्या इन्हें कभी न्याय मिलेगा?”
उल्लेखनीय है कि देश के शीर्ष पहलवान रविवार से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गये हैं और डब्ल्यूएफआई के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाले निरीक्षण पैनल के निष्कर्षों का सार्वजनिक खुलासा करने की मांग कर रहे हैं।
शीर्ष पहलवानों द्वारा श्री सिंह पर यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने के आरोप लगाये जाने के बाद खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई के मामलों को चलाने और मामले की जांच के लिये ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की अध्यक्षता में छह सदस्यीय निरीक्षण समिति का गठन किया था।
इसी बीच, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने गुरुवार को कहा कि पहलवानों का सड़क पर प्रदर्शन करना अनुशासनहीनता है और इससे देश की छवि खराब हो रही है। उन्होंने कहा था, “पहलवानों का सड़क पर विरोध करना अनुशासनहीनता के बराबर है। यह भारत की छवि खराब कर रहा है।”
आईओए ने तीन सदस्यीय एडहॉक पैनल का भी गठन किया है, जिसमें पूर्व निशानेबाज सुमा शिरूर, वुशु एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रमुख भूपेंद्र सिंह बाजवा शामिल हैं और इसकी अध्यक्षता उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे। यह पैनल नये निकाय का चुनाव होने तक डब्ल्यूएफआई के मामलों का संचालन करेगा।