मुजफ्फरनगर। जन आक्रोश रैली में किसान नेता राकेश टिकैत के साथ हुई अभद्रता के विरोध में आज मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने आपातकालीन “किसान मजदूर सम्मान पंचायत” का आयोजन किया गया। इस पंचायत में हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश से सैकड़ों की संख्या में किसान पहुंचे।
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पंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव चौधरी युद्धवीर सिंह ने कहा कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगांव में हुई आतंकी घटना में सरकार की लापरवाही सामने आई है। उन्होंने कहा, “घटना स्थल पर कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। घायल लोग डेढ़ घंटे तक तड़पते रहे, लेकिन उन्हें समय पर हेलीकॉप्टर से नहीं ले जाया गया। सरकार गंभीर होती तो आधे से अधिक लोगों की जान बचाई जा सकती थी।” उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से इस्तीफा मांगते हुए कहा, “जब गृह मंत्री खुद मान रहे हैं कि यह चूक हुई है तो उन्हें नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ देना चाहिए।”
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युद्धवीर सिंह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री विदेश दौरा छोड़कर तो लौटे लेकिन न तो घटनास्थल पर गए, न ही कैबिनेट मीटिंग में शामिल हुए और न ही सर्वदलीय बैठक में। उल्टा नौ घंटे फिल्मी सितारों के कार्यक्रम में शामिल होकर जश्न मनाया गया। सिंधु जल संधि को लेकर भी उन्होंने कहा कि सरकार जनता को भ्रमित कर रही है। “पत्र में पानी रोकने की बात नहीं, केवल तकनीकी त्रुटियों को सुधारने की बात की गई है।”
उन्होंने कहा कि, “किसान यूनियन देश की रीढ़ है। हम ही जवान भी हैं और किसान भी। हमारे बच्चे सीमा पर देश की रक्षा करते हैं और हम खेतों से देश को खाद्य सुरक्षा देते हैं। हमें राष्ट्रवाद का प्रमाण देने की ज़रूरत नहीं। जो लोग हिंदुत्व का चोला पहनकर देश को बांट रहे हैं, वही असली खतरा हैं।”
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पंचायत के बाद राकेश टिकैत ने कहा कि देश को बांटने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। “हमने अधिकारियों से स्पष्ट कहा है कि जो लोग सार्वजनिक कार्यक्रमों में नफरत फैला रहे हैं, उन पर सरकार सख्त कार्रवाई करे। अगर पाकिस्तान से पानी रोकने की बात है, तो हम भी ट्रैक्टर-ट्रॉली में मिट्टी भरकर सरकार के साथ खड़े हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को कड़े फैसले लेने चाहिए। “कोई भी बड़ी घटना होती है तो जिम्मेदारी ली जाती है, लेकिन यहां कुर्सी कोई नहीं छोड़ता। अब देश की जनता चाहती है कि पाकिस्तान को एक बार सबक सिखाया जाए।”