शामली-जनपद शामली में समाधान दिवस के दौरान कलेक्ट्रेट मे मौजूद अधिकारी एवं कर्मचारी उस समय हक्का बक्का रह गए जब अचानक से कैराना से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन अपने समर्थको के साथ पहुँच गई और अधिकारियो से बोली कि हमारी भी एक समस्या है उसका भी हो समाधान।
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सांसद इकरा हसन ने एसडीएम से कहा कि आपको अवगत कराने आई हूँ ,वरना एक फोन पर सांसद के काम हो जाते है । उन्हें ऐसे आना नही पड़ता। बातचीत के दौरान एसडीएम और सांसद एक दूसरे के सामने हाथ जोड़ते हुए भी नजर आये।
आपको बता दें कि पूरा मामला जनपद शामली की कलेक्ट्रेट का है जहाँ पर एसडीएम शामली की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में समाधान दिवस का आयोजन चल रहा था, जिसमे अपर पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार और जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे और अपनी समस्या लेकर आने वाले फरियादियों को सुन रहे थे ।
उसी दौरान कैराना से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन भी समाधान दिवस में पहुँच गई। इस तरह अचानक से समाधान दिवस मे पहुंची सांसद को देखकर सभी अधिकारी भी हक्का बक्का रह गए और सोच ही रहे थे कि सांसद अचानक से समाधान दिवस मे क्यों आई है ।
इसी बीच सांसद बोली कि एक समस्या हमारी भी है और हमारा भी तो समाधान होना चाहिए और एसडीएम से बोली कि आपको कुछ कहा था क्या हुआ उस काम मे, तभी एसडीएम बोले कि मैडम समाधान दिवस के बाद बात करते है।
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बस फिर क्या था यह बात सांसद को थोड़ा अजीब लगी और वह एसडीएम से बोली कि जो हुआ है,गलत हुआ है और आपने किसी के दबाव मे तो ऐसा नही किया। मै तो सिर्फ आपको बताने आई हूँ वरना सांसद के काम तो फोन पर हो जाते है।
हालाँकि वही दूसरी तरफ वह अपर पुलिस अधीक्षक से भी यह कहते हुए दिखाई दी कि मै यहां किसी के काम मे बाधा डालने नही आई हूँ। जब सांसद से उनके अचानक से तहसील दिवस मे आ धमकने के बारे मे पूछा तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर दिया ।
दरअसल आपको बता दे कि बाबरी थाना क्षेत्र के गांव महावतपुर के रहने वाले संदीप नाम के व्यक्ति पर आरोप है कि उसने गांव के ही एक बच्चे को उस समय एक चाँटा मार दिया था जब वह बच्चा उसके घर पर आकर उसे गाली गलौच कर रहा था जिसकी शिकायत बच्चे के परिजनों ने पुलिस को दी और पुलिस ने संदीप को अपने बयान देने के लिए थाने बुलाया और उसे एसडीएम के समक्ष पेश किया जहाँ से उसे जेल भेज दिया था।
समाजवादी पार्टी के लोगों का कहना है कि सत्ताधारी पार्टी के एक नेता के दबाव के चलते पुलिस ने एक पक्षीय कार्यवाही की है जबकि शांतिभंग की धाराओं मे दोनों पक्षो पर कार्यवाही होनी चाहिए थी।
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इसी के चलते सांसद समाधान दिवस के बीच मे ही कलेक्ट्रट मे आ धमकी और अधिकारियो से जवाब तलब करने लगी। सांसद के साथ पहुँचे सपा नेता शेरसिंह राणा ने पुलिस और अधिकारियो पर सत्ताधारी पार्टी के नेता और पूर्व गन्ना मंत्री सुरेश राणा के दबाव मे आकर एक पक्षीय कार्यवाही करने का आरोप लगाया और कहा कि एसडीएम को संदीप को ज़मानत देनी चाहिए थी लेकिन सत्ता के दबाव मे नही दी। संदीप ने बच्चे को एक थप्पड़ ही मारा था और अगर उसमे कोई चार्ज बनता तो वो लगाना चाहिए था। सपा नेता ने कहा कि सरकार किसानो को दबाना चाहती है, चाहे वो राकेश टिकैत वाला मामला हो या फिर संदीप का, क्योंकि संदीप ने भी कई बार किसानो की आवाज़ उठायी थी और किसानो के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर थानाभवन शुगर मिल पर धरना दिया था जिसमे शुगर मिल ने कहा था कि किसानो का 30 अप्रैल तक 45 करोड़ रुपए का भुगतान करेंगे लेकिन मात्र 18 करोड़ रुपए का भुगतान किया।
संदीप ने तीन दिन पहले दोबारा शुगर मिल को फोन किया कि आपने भुगतान नही किया हम दोबारा से मिल पर ताला मारेंगे तो उसका परिणाम ये हुआ कि उसे जेल भेज दिया गया।