Saturday, May 11, 2024

काशी की देव दीपावली और वैश्विक कीर्तिमान

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अयोध्या में भव्य श्रीराम मन्दिर के उद्घाटन की तिथि निकट आ रही है। जनवरी में होने वाले इस भव्य उद्घाटन समारोह से पहले अयोध्या और काशी में दीप उत्सव का अद्भुत उत्साह दिखाई दिया। अयोध्या दीपोत्सव और काशी में देव दीपावली के वैश्विक कीर्तिमान कायम हुए। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सत्तर देशों के राजदूत, विदेशी डेलीगेट और उनके परिजन देव दीपावली के अविस्मरणीय पलों के साक्षी बने। ऐसा पहली बार हुआ। देव दीपावली विश्व विख्यात हो चुकी है। इसे देखने विश्व भर के पर्यटक आते हैं।

आध्यात्मिकता के साथ राष्ट्रवाद व सामाजिकता की भी झलक देव दीपावली में दिखाई दी। दशाश्वमेध घाट की आरती रामलला को समर्पित हुई। यहां रामलला व राम मंदिर की झलक प्रदर्शित की गई। इक्कीस अर्चक व इक्यावन देव कन्याएं रिद्धि सिद्धि के रूप में दशाश्वमेध घाट पर महाआरती में सहभागी हुईं। दीपावली के पंद्रह दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा पर देवताओं की दीपावली होती है।

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ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को मनाने के लिए देवता स्वर्ग से काशी के पावन गंगा घाटों पर अदृश्य रूप में अवतरित होते हैं। वो महाआरती में शामिल श्रद्धालुओं की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। यह पर्व काशी की प्राचीन संस्कृति का के अनुरूप है। देव दीपावली का वर्णन शिव पुराण में भी मिलता है। इसके अनुसार जब कार्तिक मास में त्रिपुरासुर नामक राक्षस ने देवताओं पर अत्याचार शुरू किया और उनको मारने लगा तब भगवान विष्णु ने इस क्रूर राक्षस का वध इसी दिन किया। तब देवताओं ने दीपावली मनाई थी।

गंगा के तट पर पच्चासी घाटों पर इस साल योगी सरकार की ओर से बारह लाख और जन सहभागिता से मिलकर कुल लगभग बाईस लाख से अधिक दीप घाटों, कुंडों, तालाबों और सरोवरों पर प्रज्ज्वलित किए गए। गंगा पार रेत पर भी दीपक रोशन हुए। काशी के घाटों के इस अद्भुत दृश्य को देखने देश-विदेश से पर्यटक काशी आते हैं। काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद पर्यटकों की रिकॉर्ड आमद हुई है। देव दीपावली पर होटल, गेस्ट हाउस,नाव, बजड़ा, बोट व क्रूज लगभग पहले से बुक और फुल हो गए थे। सरकार ने चेत सिंह घाट पर लेजर शो की व्यवस्था की।

काशी के घाटों के किनारे सदियों से खड़ी ऐतिहासिक इमारतों पर धर्म की कहानी लेजर शो के माध्यम से जीवंत हुई। पर्यटकों ने गंगा पार रेत पर शिव के भजनों के साथ क्रैकर्स शो का भी आनंद लिया। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर को विशाखापट्टनम के एक भक्त द्वारा ग्यारह टन फूलों से सजाया गया। गंगा द्वार पर लेजर शो के माध्यम से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पर आधरित काशी का महत्व और कॉरिडोर के निर्माण संबंधित जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास और संस्कृति की गरिमा के प्रति कटिबद्ध रहते हैं। काशी में इन दोनों तथ्यों का महत्व है।

यह विश्व की सर्वाधिक प्राचीन नगरी है। बाबा भोलेनाथ का धाम है। प्राचीन काल से सांस्कृतिक राजधानी के रूप में इसकी प्रतिष्ठा रही है।
योगी आदित्यनाथ इसे विश्व स्तरीय तीर्थाटन व पर्यटन केंद्र बनाने की कार्ययोजना पर कार्य कर रहे हैं। भारत की आध्यात्मिक राजधानी काशी में अर्धचंद्राकार घाटों पर होने वाले भव्य देव दीपावली आयोजन की पहचान अब प्रदेश के मेले के रूप में है। प्रदेश सरकार ने देवताओं के उत्सव देव दीपावली को राजकीय मेला घोषित कर दिया है। घाटों पर देव दीपावली के आयोजन के लिए सजाने और संवारने का कार्य भव्य तरीके से किया गया।

योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भारत की आध्यात्मिक राजधानी काशी के नमो घाट पर भव्य देव दीपावली का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। इसके साक्षी सत्तर देशों के राजदूतों और डेढ़ सौ विदेशी डेलीगेट्स और परिजन बने। सभी ने देव दीपावली के अद्भुत एवं अकल्पनीय आयोजन को निहारा। मेहमानों को विवेकानंद क्रूज से देव दीपावली और गंगा पार होने वाली आतिशबाजी का नजारा दिखाया गया।

मेहमानों ने नमो घाट से क्रूज पर सवार होकर देव दीपावली के भव्य नजारे को कैद किया। भारतीय परम्परा के अनुसार मेहमानों का एयरपोर्ट पर परम्परागत तरीके से टीका लगाकर व अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत किया गया। एयरपोर्ट सहित विभिन्न स्थानों पर लोक कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। नमो घाट पर भी उनका स्वागत सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से किया गया। मेहमानों के स्वागत के लिए रास्तों और चौराहों को सजाया गया।
-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

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