नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ऑटो चलाने वालों को अपने घर बुलाकर चाय पिलाई थी और उनसे काफी देर तक चर्चा भी की थी। मंगलवार को अरविंद केजरीवाल एक ऑटो चालक के निमंत्रण पर उसके घर खाना खाने पहुंचने वाले हैं।
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अरविंद केजरीवाल ने जानकारी देते हुए बताया, “ऑटो चालक भाइयों के साथ मेरा रिश्ता दिल से जुड़ा है। मैंने कल अपने घर उन्हें चाय पर बुलाया था, उनसे खूब बातें की। एक भाई ने तो मुझे अपने घर खाने पर आमंत्रित भी किया। आज दोपहर मैं उनके घर खाना खाने जा रहा हूं। ये रिश्ता रामलीला मैदान से शुरू हुआ था और आज भी उतना ही मजबूत है।” दरअसल सोमवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने ऑटो चालकों को अपने घर पर चाय पर आमंत्रित किया था।
उस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आपके साथ सुख दुख बांटना मेरे लिए बेहद खास है। आपसे तो मेरा पुराना और गहरा रिश्ता है। समय चाहे कैसा भी रहा हो, हमने हमेशा एक-दूसरे का साथ दिया। आपके जीवन की चुनौतियां और आपकी मेहनत मुझे हमेशा प्रेरित करती रही है। हमने हमेशा आपके लिए काम किया है और भविष्य में भी आपकी सहूलियत के लिए काम करते रहेंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि रामलीला मैदान में मैंने ऑटो वालों का साथ दिया था और कहा था कि ये लोग व्यवस्था के पीड़ित हैं। आज व्यवस्था ऐसी है कि पुलिस वाले भी इनको डंडा मारते हैं, कभी पांच नंबर वाले डंडा मारते हैं।
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महीने के अंत में इनके पास कुछ बचता ही नहीं है। तब मैंने कहा था कि जब हमारी सरकारी आएगी तो हम व्यवस्था बदलेंगे और ऐसी व्यवस्था बनाएंगे जिसमें एक ऑटोवाला ईमानदारी के साथ अपना काम कर सके और घर का खर्चा चला सके। उस वक्त मुझे कई लोगों ने कहा कि तुम्हे राजनीति करनी नहीं आती। अगर ऑटो वालों का साथ दोगे तो दिल्ली की जनता तुम्हारे खिलाफ हो जाएगी। तो मैंने उनसे कहा कि मैं दिल्ली की जनता को जाकर समझाउंगा। दिल्ली की जनता को बताऊंगा कि ये लोग बहुत गरीब हैं, ये पीड़ित हैं आप इनका साथ दो, इनके साथ खड़े हों। वो 2013 था और आज 2024 हो गया। 11 साल हो गए। मैंने ऑटो वालों साथ नहीं छोड़ा।
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “हमारा ऐसा-वैसा रिश्ता नहीं, बल्कि दिल से दिल का रिश्ता है। यह दो-चार कामों का रिश्ता नहीं है कि ये काम करा दिया इसलिए आप के साथ हैं। जब से हमारी सरकार बनी है, तबसे जनता ऑटो वालों को डाकू लुटेरा नहीं कहती है। वो दिन पुराने हो गए। मुझे ये भी याद है पिछली सरकार में ऑटो वाले हर तीसरे-चौथे दिन हड़ताल करते थे। कभी किराए के लिए तो कभी किसी चीज के लिए। लेकिन 11 साल हो गए, अभी तक ऑटो वालों ने एक भी हड़ताल नहीं की है। मैंने इतने काम कर दिए हैं कि मुझे सब याद भी नहीं है।