Friday, November 22, 2024

गन्ना भुगतान को लेकर खाप चौधरी ने मांगा जयंत चौधरी का इस्तीफा, प्रशासन ने किसानों से मांगा 2 दिन का समय

शामली। शुगर मिल पर पूर्व के वर्ष के  200 करोड़ रुपये के बकाया गन्ना भुगतान की मांग को लेकर सैकड़ो की संख्या में किसानों ने शुगर मिल परिसर में धरना प्रदर्शन किया।

 

7 वे दिन धरने में पहुंचे गठवाला खाप के थाबेदार बाबा श्याम सिंह मलिक ने केंद्रीय मंत्री व आरएलडी अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह पर निशाना साधा। उन्होंने कहा  कि वैसे तो लोकदल किसान हितों की बात करती है, लेकिन गन्ना भुगतान के मामले में वह किसानों के साथ नहीं है। उन्होंने मांग की कि जयंत चौधरी इस्तीफा देकर यहां गन्ना किसानों के बीच पहुंचे और उनका समर्थन करें।

 

आपको बता दे कि  शामली की सरशादी लाल शुगर मिल पर वर्ष 2022-23 का किसानों का 200 करोड रुपए से ज़्यादा बकाया है। वर्ष 2023-24 में शामली की शुगर मिल के मालिक राहुल लाल ने एक अन्य कंपनी को मिल बेच दिया था, जिसने 2023-2024 का भुगतान तो समय पर कर दिया, लेकिन 2022 और 2023 का बकाया गन्ना भुगतान किसानों का अटक गया।

 

अब से करीब एक माह पूर्व मिल प्रबंधन, प्रशासनिक अधिकारियों व राष्ट्रीय लोकदल के विधायक प्रसन्न चौधरी ने बैठकर वार्ता की थी, जिसमें पूर्व के भुगतान को किस्तों के अनुसार किसानों के खाते में भेजना था। जिसमें एक किस्त गन्ना किसानों के खाते में भेज दी गई, जबकि बाकी बचा करीब 275 करोड रुपए का भुगतान नहीं भेजा गया जिसको लेकर 7 दिन से किसान फिर धरने पर बैठे है।  उन्होंने भुगतान न मिलने पर जान देने की भी चेतावनी दी है।

 

इसी गुस्से को लेकर किसान 7 दिनों से शामली की शुगर फैक्ट्री में प्रदर्शन कर रहे थे, आज इसी प्रदर्शन को समर्थन देने गठवाला खाप के थानेदार व खाप चौधरी बाबा श्याम सिंह मलिक भी पहुँचे। बाबा श्याम सिंह मलिक ने राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके नुमाइंदे खुद को और पार्टी को किसानों की हितैषी पार्टी बताते हैं। लेकिन आज उनके सत्ता में रहते हुए भी किसानों का बकाया भुगतान नहीं हो पा रहा है।

 

बाबा श्याम सिंह मलिक ने मांग की कि  उनको मंत्री पद से इस्तीफा देकर किसानों के बीच में आ जाना चाहिए। तभी उनको किसानों का हितैषी माना जाएगा। वहीं मिल प्रशासन और किसानों के बीच एक बार फिर प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे और उन्होंने भुगतान को लेकर दो दिन का समय मांगा, जिस पर किसानों ने कहा कि 2 दिन के बाद आगे की रणनीति बनाएंगे। यदि भुगतान नहीं होता है तो जो भी किसान तय करेंगे कि आगे की क्या रणनीति बनाई जाए।

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