नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती एवं हेमा यादव को 28 फरवरी तक अंतरिम जमानत प्रदान की।
विशेष एमपी/एमएलए मामले के न्यायाधीश विशाल गोगने ने सुनवाई के बाद कहा, “आवेदक/आरोपी राबड़ी देवी (ए-2), मीसा भारती (ए-5), हेमा यादव (ए-6) और हृदयानंद चौधरी (ए-7) को एक लाख रुपये की व्यक्तिगत मुचलके जमा करने पर अगली तारीख तक अंतरिम जमानत स्वीकार किया जाता है।”
न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि शिकायत की एक प्रति और साथ के दस्तावेज आरोपी नंबर 1 से 7 को प्रदान किए जाएं।
मामले में दस्तावेजों की जांच और आरोपी नंबर 2, 5, 6 और 7 के जमानत आवेदनों के साथ-साथ आरोपी नंबर 1 की पहले से दायर जमानत याचिका पर अगली तारीख पर विचार किया जाएगा।
श्रीमती राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी के वकील ने नियमित जमानत के लिए आवेदन दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय के सरकारी वकील ने जमानत याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए संक्षिप्त स्थगन की मांग की।
प्रवर्तन निदेशालय के वकील ने कहा कि जांच के दौरान आवेदकों/आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया था, लेकिन किसी भी प्रासंगिक पर्यवेक्षण परिस्थितियों को रिकॉर्ड में लाने के लिए जवाब दायर करने की आवश्यकता है।
आरोपी श्रीमती राबड़ी और अन्य के वकील ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जवाब दाखिल करने की आवश्यकता अनावश्यक है क्योंकि जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं होने के कारण आरोपी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार जमानत के हकदार हैं।
अदालत ने कहा कि ईडी की मौजूदा जांच से पता चलता है कि जांच एजेंसी ने हिरासत में जांच की मांग करने या गवाहों को कथित धमकी या जबरदस्ती के आधार पर आवेदकों/आरोपियों की गिरफ्तारी करना जरूरी नहीं समझा। इस परिदृश्य में, वर्तमान में उन्हें हिरासत में लिए जाने का कोई आधार नहीं है।
जमानत आवेदनों के जवाब में हालांकि, ईडी की विशिष्ट याचिका को ध्यान में रखते हुए, जवाब दायर होने के बाद आवेदन पर फैसला किया जाएगा। तब तक आवेदकों/आरोपियों को अंतरिम जमानत स्वीकार किया जाता है।
ईडी ने धनशोधन रोकथाम (पीएमएलए) के प्रावधानों के अंतर्गत जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ रेलवे भूमि घोटाला मामले में आरोप पत्र दायर किया और 27 जनवरी को संज्ञान लेने के बाद अदालत ने आरोपियों के खिलाफ अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया।
अदालत ने कारोबारी अमित कत्याल के खिलाफ भी पेशी वारंट जारी किया है जिसे ईडी ने पिछले वर्ष नवंबर में गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है।
यादव परिवार के करीबी सहयोगी बताए जा रहे अमित कत्याल, रेलवे कर्मचारी हृदयानंद चौधरी और दो कंपनियों ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक शारिकुल बारी के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं।
गौरतलब है कि 2004 और 2009 के बीच, लोगों को भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह ‘डी’ पदों पर नियुक्त किया गया था, कथित रूप से तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और ए के इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के परिवार के सदस्यों को रिश्वत के रूप में अपनी जमीन हस्तांतरित करने के बदले में यह नौकरी दी गयी थी।