भोपाल। मध्य प्रदेश में 10 मार्च से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। इसमें कुल नौ बैठकें होंगी। विपक्षी कांग्रेस ने सत्र की अवधि को लेकर असंतोष व्यक्त किया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ विधायकों के साथ राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मुलाकात कर सत्र का समय बढ़ाने की मांग की है। उमंग सिंघार ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “भारतीय जनता पार्टी की सरकार डरपोक है और विपक्ष का सामना नहीं करना चाहती। वे जनता की असली समस्याओं पर चर्चा नहीं करना चाहते और जनप्रतिनिधियों की आवाज दबाना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने बजट सत्र को बहुत छोटा कर दिया है, जो मध्य प्रदेश के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ।
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यह हमारे प्रदेश की जनता के लिए बहुत दुखद है।” उन्होंने कहा, “हमने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें, क्योंकि यहां लोकतंत्र की हत्या हो रही है। अगर भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है, तो केंद्र शासित प्रदेश का प्रस्ताव भेज देना चाहिए। फिर चुनाव की क्या आवश्यकता है? क्या ये मंत्री और मुख्यमंत्री सिर्फ चुनाव जीतने के लिए यहां आए हैं?” उन्होंने कहा, “क्या वे जनता की बात करने से डरते हैं? ये मंत्री और मुख्यमंत्री जनता की बात नहीं करना चाहते। वे सिर्फ अपने पद पर बने रहते हुए जनता के पैसे से अपनी आमदनी बढ़ाना चाहते हैं।”
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 10 से 24 मार्च तक चलेगा, जिसमें कुल नौ बैठकें होंगी और शेष छह दिन अवकाश होगा। कांग्रेस विधायकों का मानना है कि यह सत्र बहुत छोटा है। उमंग सिंघार के साथ राज्यपाल के मुलाकात करने वालों में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, विधायक फूल सिंह बरैया और आरिफ मसूद भी शामिल थे। उन्होंने राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें बजट सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की गई है।