नई दिल्ली। संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में मंगलवार को कार्यवाही प्रारंभ होने से ठीक पहले सत्तापक्ष और विपक्ष के नेता उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात का उद्देश्य सदन में जारी गतिरोध खत्म करना है। राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को भी संसद भवन स्थित अपने कक्ष में राज्यसभा में सदन के नेता जगत प्रकाश नड्डा, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य वरिष्ठ संसद सदस्यों से मुलाकात की। दरअसल, राज्यसभा में दोनों पक्षों के बीच हुई जबरदस्त नोकझोंक के कारण सोमवार को सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल सकी। सभापति ने गतिरोध समाप्त करने के लिए आगे और चर्चा करने का निर्णय लिया है। इसके लिए उन्होंने राज्यसभा में सदन के नेता और विपक्ष के नेता को मंगलवार सुबह मिलने के लिए आमंत्रित किया है।
राज्यसभा सचिवालय के मुताबिक, सभापति के इस प्रस्ताव पर दोनों नेताओं ने सहमति जताई है। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सोमवार को उनके कक्ष में सदन के नेता और विपक्ष के नेता के बीच एक बैठक थी। इस बैठक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सदन सुचारू रूप से चले। दोनों पक्ष और राज्यसभा सांसद तिरुचि शिवा, प्रमोद तिवारी और जयराम रमेश जैसे कुछ अन्य नेता भी मौजूद थे। सभापति के मुताबिक, इस मुलाकात के दौरान दोनों पक्षों ने खुलकर चर्चा की और कहा कि देश की अखंडता, संप्रभुता हमारे लिए पवित्र है। हम देश के भीतर या बाहर किसी भी ताकत को हमारी एकता, हमारी अखंडता और हमारी संप्रभुता को अपवित्र करने की अनुमति नहीं दे सकते।
जगदीप धनखड़ ने कहा कि पक्ष और प्रतिपक्ष के नेता मंगलवार सुबह फिर से उनके कक्ष में मिलने के लिए सहमत हुए हैं। सभापति ने यह भी कहा कि वह सदन के सभी सदस्यों से अपील करेंगे कि सांसदों ने जो संविधान की शपथ ली है, उस पर ध्यान से विचार करें। राज्यसभा में सोमवार को लगातार जबरदस्त हंगामा बना रहा। सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित की गई। जेपी नड्डा ने कहा कि उनकी पार्टी के सदस्य गंभीर विषय पर नियम 267 के तहत चर्चा करना चाहते हैं। कांग्रेस ने इस पर हैरानी जताई। कांग्रेस ने कहा कि विपक्ष अपनी आवाज उठाने के लिए संसद में नियम 267 के तहत चर्चा की मांग करता रहा है, लेकिन यह पहली बार है जब सत्ता पक्ष ऐसा कर रही है।