मेरठ। जिले में अधिकारियों ने कमिश्नरी में 2164 करोड़ से सीएलपी विकसित करने पर मंथन किया। इस दौरान वर्ष 2042 तक की कार्ययोजना तैयार की गई। शहर में आठ स्थानों पर लॉजिस्टिक पार्क व वेयर हाउस बनाए जाएंगे।
मेरठ शहर को जाम से निजात दिलाने और ट्रांसपोर्ट को बेहतर करने के लिए 530 करोड़ से शहर में आठ स्थानों पर लॉजिस्टिक पार्क और वेयरहाउस बनाए जाएंगे। इन्हें हापुड़ रोड, दौराला और परतापुर में बनाया जाएगा। कमिश्नरी सभागार में 2164 करोड़ के प्रस्तावित सिटी लॉजिस्टिक प्लान (सीएलपी) को लेकर मंथन हुआ। बैठक में 33 विभागों के अफसरों के साथ उद्यमियों और ट्रांसपोर्टरों ने भी शिरकत की। बैठक में फंड जुटाने, सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को गति देने और औद्योगिक निवेश को बढ़ाने के लिए सुझाव भी दिए गए।
सीएलपी के लिए अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी (यूएमटीसी) ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। ड्राफ्ट का प्रस्तुतीकरण कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे. की अध्यक्षता में कमिश्नरी सभागार में हुई बैठक में हुआ। इसमें शहर की मौजूदा 24.15 लाख की आबादी का आकलन करते हुए साल वर्तमान में यातायात, ट्रांसपोर्ट, रोड सेफ्टी, उपलब्धता और आपूर्ति आदि के आधार पर 2042 में अपेक्षित संसाधन पर विचार-विमर्श हुआ।
बैंडबाजा व खेल उद्योग के साथ ही निर्माण इकाइयां और स्मॉल इंडस्ट्री को बढ़ाने की रूपरेखा खींची गई। इसमें एग्रो बेस्ड यूनिट, कॉटन टेक्सटाइल्स, रेडीमेड कपड़े, फर्नीचर, शुगर इंडस्ट्रीज, पेपर मिल, मिनरल, मेटल इंजीनियरिंग आदि उद्योगों को भी शामिल किया गया। इन सभी उद्योग और इंडस्ट्री में होने वाला 30 हजार 205 टन का उत्पादन 2042 में बढ़कर 64 हजार 111 टन होने की संभावना है।
सीएलपी के तहत शहर को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने, कम कीमत में परिवहन सुलभ होने, शहर में यातायात का दबाव कम करने के लिए फोकस करते हुए 2042 तक वाहनों की संख्या व दबाव भी दोगुना होने का दावा किया गया है।
मेडा सचिव चंद्रपाल तिवारी तथा नगर नियोजक विजय कुमार सिंह ने बताया कि सीएलपी का प्रजेंटेशन हुआ और इसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। आए गए सुझावों तथा क्रियान्वयन को लेकर नीति बनेगी।