प्रयागराज। संगमनगरी प्रयागराज में आयोजित 144 साल बाद के महाकुंभ ने इतिहास रच दिया है। शुक्रवार को महाकुंभ के 33वें दिन आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 50 करोड़ को पार कर गई। यह अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड बन गया है, क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में लोगों के एक ही आयोजन में शामिल होने का यह पहला मामला है।
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महाकुंभ का यह आयोजन पूरी दुनिया में सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक समागम बन गया है। दुनियाभर में ऐसा कोई दूसरा आयोजन नहीं होता जहां इतनी बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हों। त्रिवेणी संगम में स्नान करने वालों की संख्या के 50 करोड़ के आंकड़े तक पहुंचने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देशवासियों को बधाई दी है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए इस ऐतिहासिक क्षण को भारत की आध्यात्मिकता और सनातन परंपरा की दृढ़ आस्था का प्रतीक बताया। उन्होंने लिखा”भारत की आध्यात्मिकता, एकात्मता, समता और समरसता के जीवंत प्रतीक महाकुंभ 2025, प्रयागराज में अब तक पावन त्रिवेणी में 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। भारत की कुल जनसंख्या में 110 करोड़ नागरिक सनातन धर्मावलंबी हैं और उनमें से 50 करोड़ से अधिक नागरिकों द्वारा संगम में पवित्र स्नान उत्कृष्ट मानवीय मूल्यों की श्रेष्ठतम अभिव्यक्ति और महान सनातन परंपरा के प्रति दृढ़ होती आस्था का परिचायक है। वास्तविक अर्थों में यह भारत की लोक आस्था का अमृतकाल है।”
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उन्होंने आगे कहा कि एकता और आस्था के इस ‘महायज्ञ’ में पवित्र स्नान का पुण्य लाभ प्राप्त करने वाले सभी पूज्य साधु-संतों, धर्माचार्यों, कल्पवासियों एवं श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन किया जाता है। साथ ही, इस भव्य आयोजन में सेवा दे रहे महाकुंभ मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वच्छता कर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों, धार्मिक संस्थाओं, नाविकों तथा केंद्र व प्रदेश सरकार से जुड़े सभी विभागों को साधुवाद दिया।
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर साल बढ़ती है, लेकिन 2025 के आयोजन में यह संख्या अपने चरम पर पहुंच गई है। इससे पहले किसी भी धार्मिक आयोजन में इतने बड़े पैमाने पर लोगों के शामिल होने का कोई रिकॉर्ड नहीं था। प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में 50 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान कर यह साबित कर दिया कि भारत की सनातन परंपरा और लोक आस्था कितनी मजबूत है।
महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है बल्कि यह भारत की एकता, संस्कृति और परंपराओं का भी प्रतीक है। यह आयोजन हर 12 साल में होता है और इसमें देश-विदेश से श्रद्धालु, साधु-संत, अखाड़ों के महामंडलेश्वर और अनेक धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
इस बार के महाकुंभ में लाखों विदेशी श्रद्धालु भी पहुंचे हैं, जो भारतीय संस्कृति और अध्यात्म से प्रभावित होकर इस आयोजन का हिस्सा बने।
इतने बड़े आयोजन के सफल संचालन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। महाकुंभ में सुरक्षा की दृष्टि से हजारों पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इसके अलावा, मेडिकल सुविधाएं, स्वच्छता सेवाएं, परिवहन और यातायात प्रबंधन को भी उच्च स्तर पर बनाए रखा गया है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
महाकुंभ 2025 के इस ऐतिहासिक आयोजन का समापन अभी कुछ दिनों में होगा, लेकिन यह पहले ही दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन के रूप में अपनी पहचान बना चुका है।