शामली। जनपद के रेलवे स्टेशन पर गृह क्लेश के चलते एक व्यक्ति ने ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या का प्रयास किया है। जहां उसकी जान तो बच गई। लेकिन उसका एक हाथ कट गया। ट्रेन के नीचे आने से घायल हुआ व्यक्ति करीब 35 मिनट तक रेलवे प्लेटफार्म नम्बर दो पर तड़पता रहा। आरपीएफ के अलावा वहा कोई भी उसकी शुद्ध लेने के लिए रेलवे स्वास्थ्य विभाग की टीम या स्टेसन मास्टर नही पहुचा। फिर बाद में आरपीएफ ओर स्थानीय लोगों की मदद से हाथों में उठकर एंबुलेंस के माध्यम से सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया है।
आपको बता दे कि मामला शामली जनपद के रेलवे स्टेशन का है। जहां पर सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव लिलोन के रहने वाले प्रेम सिंह किसी कारण वश शाम के समय ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या का प्रयास कर रहा था। जहां उसकी जान तो बच गई। लेकिन इसका एक सीधा हाथ कट गया। घटना आरपीएफ पुलिस रेलवे स्टेशन के ठीक सामने की है। जहां तुरंत आरपीएफ के जवान मौके पर पहुंचे और उसको ट्रेन के नीचे से निकला और प्लेटफार्म नंबर दो पर लिटा दिया। घटना के करीब 35-40 मिनट बाद तक भी ना तो स्टेशन मास्टर मौके पर पहुंचा और ना ही रेलवे स्वास्थ्य विभाग का कोई कर्मचारी घायल को प्रथम उपचार देने के लिए पहुंचा। रेलवे विभाग के लोगों की यह लापरवाही जहां रेलवे विभाग में कर्मियों को दर्शा रही है। रेलवे विभाग के लोग कितने जिम्मेदारी से काम करते हैं यह भी दिख रहा है।
वहीं शामली रेलवे स्टेशन का कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री ने अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत नाम शामिल किया था। जहां एक और भारत सरकार रेलवे को आधुनिक बनाने में लगी है। वहीं उन आधुनिकता व्यवस्था की रेलवे विभाग के कर्मचारी पोल खोलते हैं। घटना होने के बाद भी जरूरी सामान न होने और कम्रियो कि हठधर्मी दिखाई देती है।
वहीं दूसरी ओर जहां आरपीएफ के पुलिस कर्मियों के द्वारा बुलाई गई स्थानीय एंबुलेंस करीब 35 -40 मिनट देर बाद पहुंची। उसने भी यूपी सरकार के स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोल दी। जहा एंबुलेंस पहुंचने के करीब काफी देर तक उसमें स्टेचर न होने के कारण आरपीएफ पुलिस कर्मी व्यवस्था में लगे रहे । लेकिन बाद में खुद आरपीएफ पुलिसकर्मी ने स्थानीय लोगों की मदद से उसे हाथों में उठाकर एंबुलेंस तक ले जाते नजर आए और फिर सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहां उसका प्रथम उपचार कर उसको सरकारी अस्पताल में भर्ती कर लिया है।