नई दिल्ली। भारतीय शेयर के लिए अगला हफ्ता काफी अहम होने वाला है। पीएमआई डेटा, आरबीआई एमपीसी मीटिंग मिनट्स, अमेरिका में जॉबलेस क्लेम के आंकड़े, तीमाही नतीजे और कई वैश्विक आर्थिक आंकड़े शेयर बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे। 21 से 25 अक्टूबर के बीच बजाज हाउसिंग फाइनेंस, अल्ट्राटेक सीमेंट, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस, अदाणी ग्रीन एनर्जी, बजाज फाइनेंस, गोदरेज प्रॉपर्टी, टीवीएस मोटर्स और जेएसडब्ल्यू स्टील जैसी कंपनियों की ओर से वित्त वर्ष 2024-25 की सितंबर तिमाही के नतीजे जारी किए जाएंगे।
बीते कारोबारी हफ्ते में शेयर बाजार में गिरावट देखी गई। निफ्टी 0.44 प्रतिशत या 110 अंक गिरकर 24,854 और सेंसेक्स 0.19 प्रतिशत या 156 अंक गिरकर 81,224 पर बंद हुआ। बाजार में गिरावट की वजह उम्मीद से कमजोर तिमाही नतीजे और महंगाई में बढ़त एवं विदेशी निवेशकों की बिकवाली को माना जा रहा है। सितंबर में खुदरा महंगाई दर 3.65 प्रतिशत से बढ़कर 5.49 प्रतिशत हो गई है, जो कि बाजार के अनुमान 5 प्रतिशत से अधिक है। बीते हफ्ते विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के द्वारा कैश सेगमेंट में 21,823 करोड़ रुपये की बिकवाली और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) के द्वारा कैश सेगमेंट में 16,384 करोड़ रुपये की खरीदारी की गई है।
मास्टर कैपिटल सर्विसेज की डायरेक्टर पल्का अरोड़ा चोपड़ा का कहना है कि यह लगातार तीसरा हफ्ता था, जब भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का ट्रेंड देखा गया है। निफ्टी में 24,800 एक अहम लेवल है और वहीं, 25,000 एक मजबूत रुकावट का स्तर है। अगर यह इसे तोड़ता है तो 25,300 तक भी जा सकता है। गिरावट में 24,500 एक मजबूत सपोर्ट लेवल होगा। अगर यह इसे तोड़ता है तो 24,200 के लेवल भी देखने को मिल सकते हैं। स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट में वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर का कहना है कि निफ्टी के मुकाबले बैंक निफ्टी में अधिक मजबूती दिखाई दे रही है। 52,400 और 53,000 एक अहम रुकावट का स्तर है। सपोर्ट लेवल 51,700 और 51,500 के आसपास है। तेजी के लिए बैंक निफ्टी को 52,300 का स्तर तोड़ना जरूरी है। इसके बाद अलगा टारगेट 53,300 होगा।