शामली। उत्तर प्रदेश के शामली जिले में कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के भीतर वामपंथी विचारधारा के लोगों के हावी होने और स्थानीय कार्यकर्ताओं की अनदेखी के आरोप लगाते हुए कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष समेत कई पदाधिकारियों ने पार्टी हाईकमान को भेजे गए अपने इस्तीफे में आरोप लगाया है कि संगठन में अब वामपंथी विचारधारा के लोगों का दबदबा बढ़ गया है, जिन्होंने पार्टी के अहम पदों पर कब्जा जमा लिया है। इनका कहना है कि ऐसे लोग पार्टी हाईकमान को गुमराह कर रहे हैं और संगठन को आर्थिक व सांगठनिक रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं।
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इस्तीफा देने वाले नेताओं का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के जिम्मेदार पदों पर अन्य दलों से जुड़े हुए लोगों की नियुक्ति कराई जा रही है, जिससे स्थानीय कार्यकर्ताओं में गहरी नाराजगी है। कार्यकर्ताओं की पीड़ा शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचने से पहले ही दबा दी जाती है, जिससे आहत होकर उन्होंने सामूहिक रूप से पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है।
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इस्तीफा देने वालों की सूची में कांग्रेस के कई प्रमुख नेता और पदाधिकारी शामिल हैं। इनमें युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेंद्र गोल्डी, किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष चौधरी प्रदीप राठी, पूर्व जिला कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध अग्रवाल, महिला कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष कविता गोस्वामी, आबिदा परवीन, संगीता वर्मा, सुमन शर्मा, जिला महासचिव नेहा बंसल, ऊन ब्लॉक अध्यक्ष सुबोध कोरी, झिंझाना कांग्रेस जिला सचिव देशबंधु बिंदल, किसान कैराना ब्लॉक अध्यक्ष इंतजार बागबान, युवा कांग्रेस जिला महासचिव नासिर चौधरी, मंगल कोहली, अर्पित शर्मा, जिला सचिव रिजवान मंसूरी, अजीत शर्मा, रामानंद गिरि, सरदार गुरप्रीत सिंह, अमित तोमर, राजकुमार बाल्मीकि, शामली विधानसभा अध्यक्ष सपन मोहन मित्तल, थानाभवन विधानसभा अध्यक्ष उमरदीन, ब्लॉक अध्यक्ष आसिफ खान, प्रदीप कुमार, प्रवीण शर्मा, अमित निर्वाल, किसान कांग्रेस ऊन ब्लॉक अध्यक्ष सुरेंद्र गुज्जर, दीपक जाटव, वरिष्ठ कांग्रेसी गौरव जैन, खुर्शीद चौधरी, विक्रम सैनी, राजेश सैनी, सामद गढ़ी, मुरसलीन, नीरज सैनी, राहुल सैनी, युवा कांग्रेस नेता जुबैर हसन, नगर अध्यक्ष प्रवेश मलिक, पूर्व जिला महासचिव गयुर चौधरी, पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष साजिद चौधरी, रामकुमार अनुसूचित, मंगल सिंह मलिक, रामपाल सैनी, बिरमपाल शर्मा और डॉ. सतीश शर्मा जैसे दर्जनों वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
शामली में कांग्रेस की यह बड़ी टूट पार्टी के लिए गहरी चिंता का विषय बन सकती है। इस्तीफा देने वाले नेताओं ने स्पष्ट कहा है कि जब तक संगठन में स्थानीय कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान नहीं मिलेगा, तब तक वे पार्टी में वापस नहीं लौटेंगे।
इस सामूहिक इस्तीफे से कांग्रेस के स्थानीय संगठन को भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। अब देखना होगा कि पार्टी हाईकमान इस मामले को कैसे संभालता है।