मोरना। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से फेंकी गई टैबलेट को टॉफी समझकर मासूम बालिका ने सेवन कर लिया, जिस पर उसकी हालत बिगड़ गई। गम्भीर हालत में बालिका को एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया है। कर्मचारियों की लापरवाही पर नागरिकों में रोष भड़क गया है। परिजनों ने लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
कस्बा भोकरहेड़ी के मोहल्ला नई बस्ती निवासी बिजेंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि उसके घर के बराबर में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है। घर व गली में अक्सर टेबलेट के पैकेट व दवाइया पड़ी रहती हैं। शनिवार को घर के आंगन में कहीं पड़ी हुई टैबलेट का सेवन पुत्र अजय की डेढ़ वर्षीय पुत्री निधि ने टॉफी समझकर कर लिया।
टेबलेट का पैकेट बालिका के हाथ मे देख परिजनों ने निधि के हाथ से अलग किया, जिसके कुछ देर बाद निधि की तबीयत बिगडऩे लगी, तो उसे चिकित्सक के पास ले जाया गया। हालत ज्यादा बिगडऩे पर निधि को जिला चिकित्सालय ले जाया गया। हालत में सुधार न देख बालिका को ऋषिकेश एम्स अस्पताल में रेफर कर दिया है।
परिजनों ने लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों के अनुसार अस्पताल के आसपास दवाएं पड़ी रहती हैं। सम्भवत: बन्दर इन दवाओं को उठाकर इधर-उधर फेंक देते हैं, जो अक्सर पशुओ की अखोर में भी पड़ी मिलती हैं। अस्पताल के कर्मचारियों के खिलाफ रोष व्याप्त है।
चिकित्सा प्रभारी मोरना डॉ.सत्येंद्र कुमार ने बताया कि यह दवाई कुष्ठ रोग से संबंधित है। यह मोरना के अस्पतालो में नही मिलती है। कुष्ठ रोग के डॉक्टर अस्पतालों में विजिट के लिए पहुंचते हैं। यह दवाई उनके बैग से बंदर द्वारा चुरा ली गई होगी। मामले की जांच की जा रही है।