मेरठ। मेरठ और बागपत के बिजलीघर अब सोलर पावर प्लॉट से चलाए जांएंगे। सबसे पहले मेरठ और बागपत के 18 बिजली घरों को प्रधानमंत्री कुसुम योजना सी-2 से किसानों को जोड़ने का निर्णय लिया गया है।
मेरठ और बागपत के 18 बिजलीघरों को सोलर पावर प्लांट से जोड़ा जाएगा। सोलर पावर प्लांट से तैयार बिजली किसानों को दी जाएगी। इसके लिए विद्युत सब स्टेशनों पर किसानों के फीडर अलग किए जा रहे हैं।
दोनों जिलों में प्रस्तावित सोलर पावर प्लांट से 30 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इसके बाद देहात में बिजली की समस्या काफी हद तक दूर होगी। इस प्रोजेक्ट में किसानों को भी साझीदार के रूप में जोड़ा जाएगा।
इस तैयारी के लिए प्रधानमंत्री कुसुम योजना सी-2 से किसानों को जोड़ने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए किसान अपने स्तर से भूमि पर सोलर प्लांट लगा सकते हैं। या फिर अपनी भूमि किराए पर देकर पार्टनर के रूप में प्लांट में सहभागिता निभा सकते हैं। इसके लिए किसानों को सब्सिडी का लाभ भी मिलेगा।
सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए भी बिजली सब स्टेशन के पांच किलोमीटर की परिधि में एक से दो मेगावॉट प्लांट की स्थापना की जा सकती है ताकि सोलर प्लांट से तैयार होने वाली बिजली की सप्लाई को विद्युत निगम के सब स्टेशन से जोड़ा जा सके। इस प्रोजेक्ट में प्रति मेगावॉट पर तीन से चार करोड़ रुपये का खर्च का अनुमान है।
परियोजना प्रभारी यूपी नेडा प्रमोद भूषण शर्मा ने बताया कि पीएम कुसुम योजना सी-2 के तहत प्रस्तावित सोलर पावर प्लांट के लिए अपनी भूमि किराए पर देने, पार्टनर बनने और स्वयं प्लांट लगाने के लिए जो किसान इच्छुक हों वह भूमि के अभिलेख और सहमति पत्र विकास भवन में यूपी नेडा कार्यालय में जमा कर सकते हैं। सरकार की मंशा जहां सोलर प्लांट से बिजली उत्पादन करके बिजली की समस्या खत्म करने की है, वहीं किसानों को उद्योग जगत से जोड़ने की भी है।