चरथावल। चरथावल विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक पंकज मलिक ने चीनी मिलों के बाहरी और मिल के अंदर स्थित गन्ना क्रय केंद्रों पर किसानों के साथ घटतौली करने का मुद्दा विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा में जोरशोर से उठाया।
उत्तर प्रदेश में बड़े क्षेत्रफल में किसानों द्वारा गन्ने की पैदावार की जाती है और प्रदेश के किसानों की मुख्य नगदी फसल गन्ना माना जाता है। पश्चिम उत्तर प्रदेश में तो किसानों की जीविका का साधन ही गन्ना है और उत्तर प्रदेश में बड़ी तादाद में चीनी मिले लगी हुई है। पिछली सरकारों में जहाँ चीनी मिलों के बाहरी और भीतरी गन्ना क्रय केंद्रों पर किसानों के साथ घटतौली होने के बड़े-बड़े आरोप लगते थे, वही देश प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर जहाँ देश प्रदेशवासियों को गैस एजेंसी, राशन डीलरों की कालाबाजारी से बड़े स्तर पर मुक्ति मिली है, वही प्रदेश में योगी सरकार में भी किसानों के साथ गन्ना क्रय केंद्रों पर जमकर घटतौली हो रही है और गन्ना विभाग की मिलीभगत के चलते बड़े स्तर पर चीनी मिलों द्वारा अपने गन्ना क्रय केंद्रों पर किसानों के साथ घटतौली की जा रही है।
किसानों द्वारा बार-बार गुहार लगाने के बाद भी जहाँ किसानों को चीनी मिल के गन्ना क्रय केंद्रों चाहे वह केंद्र देहात क्षेत्र में लगे हो या चीनी मिल प्रांगण में लगे हो उन सभी गन्ना क्रय केंद्रों पर जमकर किसानों के साथ घटतौली की जा रही है।
चरथावल विधायक पंकज मलिक द्वारा विधानसभा में गन्ना किसानों के साथ चीनी मिलों द्वारा अपने अपने गन्ना क्रय केंद्रों पर घटतौली करने का आरोप लगाते हुए कहा कि तोलकेन्द्रों पर जो इंडिगेटर होता है उसमें छेड़छाड़ कर चीनी मिलों द्वारा किसानों के साथ घटतौली की जा रही है और एक निर्धारित वजन पर चीनी मिलों द्वारा अपनी इंडिगेटर मशीन को सेट कर दिया जाता है और सेट करने के बाद यह इंडिगेटर मशीन निर्धारित वजन को कुल वजन से जितने किलो पर सेट किया जाता है उतना ही वजन कम बताती है, जिससे भोले भाले किसानों के साथ जमकर घटतौली हो रही है, किसानों द्वारा जहाँ मुख्यमंत्री सहित गन्ना आयुक्त के दरबार मे भी गुहार लगा चुके है, लेकिन चीनी मिलों को घटतौली रुकने का नाम नहीं ले रही है।
विधायक पंकज मलिक द्वारा मामला विधानसभा में उठाने के बाद किसानों को गन्ना क्रय केंद्रों पर घटतौली से क्या मुक्ति मिलेगी या फिर गन्ना घटतौली का मामला विधानसभा में गूँजने के बाद भी गन्ना विभाग या चीनी मिलों पर कोई असर नही पड़ेगा, यह मामला पूरे प्रदेश में जोरोशोरो से गूंज रहा है।