Monday, December 23, 2024

मोदी ने देश भर में 508 ‘अमृत भारत’ रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के भर में कुल 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य की रविवार को आधारशिलाएं रखीं। ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत विकसित किए जाने वाले ये स्टेशन 27 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में फैले हैं।

मोदी ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों को यहां से वीडियो कांफ्रेसिंग सुविधा के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, “ अमृत भारत स्टेशन भारतीय रेल के कायाकल्प की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को नयी ऊंचायी प्रदान करेंगे। ”

प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस योजना को ‘ एक ऐतिहासिक पहल ’ की संज्ञा दी है और कहा कि सरकार देश में अत्याधुनिक सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं के विकास को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाना चाहती है।

मोदी ने रेलवे को देश भर में लोगों के परिवहन का पसंदीदा साधन बताते हुए रेलवे स्टेशनों पर विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि इस सोच और सपने की प्रेरणा के साथ देश भर में 1309 स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना शुरू की गई है।

इन 508 स्टेशनों के पुनर्विकास पर 24,470 करोड़ रुपये से अधिक की खच आने का अनुमान है। इनके अंतर्गत शहर के दोनों ओर को समुचित सड़क संपर्क सुविधाओं के साथ ‘सिटी सेंटर’ के रूप में विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं। सरकार का कहना है कि अमृत भारत स्टेशन योजना एकीकृत दृष्टिकोण रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्र पर केंद्रित शहर के समग्र शहरी विकास के विजन से प्रेरित है।

इन 508 स्टेशन देश में उत्तर प्रदेश में 55, राजस्थान में 55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात में 21, तेलंगाना में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश में 18, तमिलनाडु में 18, हरियाणा में 15, कर्नाटक में 13 स्टेशन शामिल हैं।

एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार पुनर्विकास कार्य से अच्छी तरह से सुव्यवस्थित यातायात सुविधा, इंटर-मॉडल एकीकरण और यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए अच्छी तरह से डिजाइन किए गए चिह्नों को सुनिश्चित करने के साथ-साथ यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। स्टेशन भवनों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होगा।

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