न्यूयॉर्क/नयी दिल्ली-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को न्यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की और बातचीत तथा कूटनीति के माध्यम से यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की तलाश में रचनात्मक भूमिका निभाने की भारत की इच्छा दोहरायी।
गौरतलब है कि श्री मोदी और श्री जेलेंस्की की पिछले एक महीने में यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले श्री मोदी के यूक्रेन दौरे के दौरान दोनों नेता कीव में मिले थे।
श्री मोदी ने संघर्ष के समाधान के लिए भारत के स्पष्ट, सुसंगत और रचनात्मक दृष्टिकोण को भी दोहराया और कहा कि दोनों पक्षों ( यूक्रेन और रूस) को शांतिपूर्ण तरीके से समाधान खोजने के लिए एक मेज पर बैठना चाहिए। उन्होंने कहा
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कि भारत लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान को सुविधाजनक बनाने के लिए सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक से पहले दोनों नेता गर्मजोशी से गले मिले।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक के मौके पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की। इस दौरान नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने यूक्रेन की स्थिति पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की तलाश में रचनात्मक भूमिका निभाने की भारत की इच्छा दोहरायी।
मीडिया में जारी बयान में कहा गया, “प्रधानमंत्री मोदी ने 23 सितंबर को ‘समिट ऑफ द फ्यूचर इन न्यूयॉर्क’ के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों नेताओं ने श्री मोदी की हाल की यूक्रेन यात्रा को
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याद किया और द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर सुदृढ़ीकरण पर संतोष व्यक्त किया। यूक्रेन की स्थिति और शांति के मार्ग पर आगे बढ़ने के तरीके पर भी उनकी प्रमुखता से चर्चा हुई।”
मुलाकात के दौरान श्री मोदी ने कूटनीति और संवाद के साथ-साथ सभी हितधारकों के बीच सहभागिता के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में भारत के स्पष्ट, सुसंगत और रचनात्मक दृष्टिकोण को दोहराया। उन्होंने कहा कि संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीने से भी कम समय में दोनों नेताओं की यह तीसरी मुलाकात है। इस दौरान दोनों नेताओं ने निकट संपर्क में रहने पर सहमति व्यक्त की।
प्रधानमंत्री ने यूएनजीए के शांति शिखर सम्मेलन में कहा कि मानवता की सफलता हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं। भारत ने कहा है कि संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं पाया जा सकता है, और संघर्ष को
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हल करने के एकमात्र साधन के रूप में बातचीत और कूटनीति के अपने रुख को दोहराया है, जिसमें दोनों पक्ष मामलों पर चर्चा करने के लिए मेज पर बैठते हैं।
श्री मोदी 23 अगस्त को कीव में थे और यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा थी। इस यात्रा के दौरान उन्होंने संघर्ष का समाधान खोजने के लिए अपनी व्यक्तिगत क्षमता में हर तरह की मदद की पेशकश की थी।
इस बैठक के बारे में यूक्रेन सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया, “राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करने के लिए भारत को धन्यवाद दिया। श्री वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की और श्री नरेन्द्र मोदी ने उन क्षेत्रों में सहयोग के कार्यान्वयन पर चर्चा की, जिन पर एक महीने पहले श्री मोदी की यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान सहमति बनी थ। इनमें व्यापार और आर्थिक संबंधों को बढ़ाना, रक्षा सहयोग, युद्ध के बाद के पुनर्निर्माण में भारत की भागीदारी और शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति में सहयोग शामिल थे।”
बयान में कहा गया, “बैठक के दौरान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र और जी20 के भीतर बातचीत को मजबूत करने के साथ-साथ शांति सूत्र को लागू करने और दूसरे शांति शिखर सम्मेलन की तैयारी पर विशेष ध्यान दिया गया।”
श्री मोदी अमेरिका का तीन दिवसीय दौरा समाप्त कर सोमवार को नयी दिल्ली के लिए रवाना हो गए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक्स पर कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की सफल और महत्वपूर्ण यात्रा के समापन के बाद नयी दिल्ली के लिए रवाना हुए।”