नई दिल्ली। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपनी भारत यात्रा के दौरान एक बड़ा रणनीतिक फैसला लेते हुए लामू गाधू ट्रांसशिपमेंट पोर्ट प्रोजेक्ट को चीनी कंपनी से छीनकर भारत को सौंप दिया है। यह परियोजना, जिसे पहले चीन की कंपनी द्वारा पूरा किया जाना था, अब भारत के साथ मिलकर संपन्न की जाएगी। यह भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की उपस्थिति को और मजबूत करेगा।
मालदीव की सरकार ने एक बयान में कहा कि इस प्रोजेक्ट पर भारत के साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया गया है, क्योंकि चीनी कंपनी ने परियोजना पर कोई जमीनी कार्य नहीं किया था। इस परियोजना का उद्देश्य मालदीव के लामू गाधू क्षेत्र में एक ट्रांसशिपमेंट पोर्ट का विकास करना है, जिससे इस क्षेत्र में व्यापार और कनेक्टिविटी में सुधार हो सकेगा।
रिपोर्टों के अनुसार, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान मालदीव के गाधू और इहावंधिपोल्हू में ट्रांसशिपमेंट पोर्ट प्रोजेक्ट पर मिलकर काम करने पर सहमति बनी है। यह निर्णय मालदीव के लिए चीन पर निर्भरता को कम करने और भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के इरादे से किया गया है, जो हिंद महासागर क्षेत्र में भू-राजनीतिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।