गाजियाबाद। महात्मा गांधी सभागार, कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड जिला अनुश्रवण पुस्तिका (राजस्व से सम्बंधित) की समीक्षा बैठक आहूत हुई।
बैठक के दौरान जिले के अधिकांश विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। अवस्थापना, औद्योगिक विकास, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, आबकारी, आवास, उपभोक्ता सरक्षण एवं बाटमाप, कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, खाद्य एवं रसद, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, नगर विकास एवं गरीबी उन्मूलन, परिवहन, भूतत्व एव खनिकर्म, राज्य कर, लोक शिकायत, स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन, सैनिक कल्याण, लोक शिकायत विभागों से सम्बंधित परियोजनाओं में दिए गए लक्ष्य की शतप्रतिशत पूर्ण/निस्तारण ना होने की स्थिति में विभागाधिकारी/नोडल अधिकारी से चर्चा की गई। बैठक के दौरान उपस्थित अधिकारियों को अवगत कराया कि मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर दिये गए लक्ष्य के सापेक्ष अपलोड किये गये कार्यों की निगरानी का प्रतिशत और रैंकिंग तय की जाती है।
जिसमें प्रत्येक परियोजना में दिये गये लक्ष्य के अनुसार आपके कार्य का प्रतिशत तय करते हुए 10 में से अंक मिलते हैं। उन अंकों के अनुसार रैंकिंग/ग्रेडिंग ए+, ए, बी, सी, डी और ई निर्धारित होती है। इसके उपरान्त प्रत्येक माह के अन्त में जिले की सभी परियोजना में मिले प्राप्तांक का कुल प्रतिशत निकाला जाता है और उसके बाद सभी जनपदों के प्रतिशत के अनुसार उनकी रैंक निर्धारित होती है।
जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि सर्वप्रथम जिस विभाग के रैकिंग खराब है और वे बैठक में उपस्थित नहीं हैं। उन सभी को स्पष्टीकरण कॉल किया जाए। इसके साथ जिस विभाग की ई रैकिंग आई है। वे स्पष्टीकरण दें कि उनकी ई रैकिंग क्यों आयी। जिलाधिकारी ने कहा कि जिस विभाग के नोडल अधिकारी किसी खास कारण से बैठक में उपस्थित नहीं हैं उनको स्पष्टीकरण भेजे।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक माह मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर रैंकिंग अंकित होने से पूर्व समयानुसार सम्बंधित सभी अपर जिलाधिकारी एक बार, उप-जिलाधिकारी दो बार, तहसीलदार चार बार, नायब तहसीलदार आठ बार बैठक करना सुनिश्चत करें। जिससे कि समय सीमा के अन्तर्गत प्रकरणों का पूर्ण निस्तारण किया जा सके।