कानपुर। गोविन्द नगर थाना क्षेत्र के सिंधी अस्पताल में रविवार को एक जच्चा-बच्चा की इलाज के दौरान मौत हो गई। दोनों की मौत के बाद अस्पताल का पूरा स्टाफ भाग खड़ा हुआ। इस पर परिजनों ने आरोप लगाया कि डाक्टर ने गलत इंजेक्शन दे दिया जिससे दोनों की मौत हुई है। परिजनों ने सड़क जाम करके हंगामा काटा और डाक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
औरैया के दिबियापुर निवासी विशाल बिश्नोई ग्राम पंचायत में डीपीएम पद पर तैनात है। उनकी शादी 31 मई 2022 को गोरखपुर निवासी वर्षा विश्नोई (28) से हुई थी और वह इन दिनों आठ माह की गर्भवती थी। वर्षा का इलाज सिंधी हॉस्पिटल में डॉ. रेनू भाटिया की देखरेख में चल रहा था और डाक्टरों ने डिलीवरी के लिए 21 जुलाई की तारीख दी थी।
परिजनों ने बताया कि वर्षा को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं थी और रूटीन चेकअप कराने आये थे, लेकिन डा. रेनू भाटिया अस्पताल में नहीं मिली। इस पर डा. नीति सहगल ने जांच की और कहा कि बच्चा पेट पर मूमेंट नहीं कर रहा है, जिसके कारण इनको भर्ती करना पड़ेगा। डॉक्टर के कहने पर भर्ती कर दिया और वर्षा को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया। मरीज की हालत बिगड़ने पर रीजेंसी हॉस्पिटल ले जाने को कहा गया। इस पर पति आपरेशन थियेटर गया जहां पर वर्षा के कान, नाक और आंख से खून बह रहा था और उसकी मौत हो गई थी। मरीज की मौत पर अस्पताल का पूरा स्टाफ भाग खड़ा हुआ और अन्य भर्ती मरीज भी परेशान हो गये।
परिजनों ने जच्चा-बच्चा की मौत पर आक्रोषित होकर सड़क जाम कर दिया और डाक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग करने लगे। हंगामे की सूचना पर गोविंद नगर एसीपी संतोष कुमार सिंह तीन थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और किसी तरह से परिजनों को शांत कराया। मृतका के पति विशाल विश्नोई की तहरीर पर पुलिस ने डाक्टर नीति सहगल समेत अस्पताल के अन्य स्टाफ पर मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी।