गाजियाबाद। धर्मातरण मामले में अब महाराष्ट्र के मुंब्रा पुलिस गाजियाबाद पहुंची और यहां उसने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जुटाए हैं। गाजियाबाद पुलिस के डीसीपी ने तीन दिन पहले ये बयान दिया था कि एक कॉलर ने उन्हें मुंब्रा में 300-400 लोगों के इसी पैटर्न पर धर्मातरण होने की सूचना दी है। डीसीपी के इस बयान पर महाराष्ट्र के एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कड़ी आपत्ति जताई और गाजियाबाद पुलिस को चुनौती देते कहा, “अगर पुलिस मुंब्रा में 400 क्या, 2 धर्मातरण साबित कर दे तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।”
इसी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच मुंब्रा पुलिस सबूत जुटाने गाजियाबाद पहुंची है।
दरअसल, गाजियाबाद पुलिस के डीसीपी निपुण अग्रवाल ने 7 जून को मीडिया को बताया था, “मुझे एक कॉल आई। कॉलर ने बताया कि गाजियाबाद की तरह महाराष्ट्र के मुंब्रा इलाके में 300-400 लोगों का धर्मातरण हुआ है। इस कॉलर ने पुलिस को धर्मातरण से जुड़े कुछ फोटो, वीडियो, ऑडियो और मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए हैं। सूचना कितनी सही है, इसका वेरिफिकेशन कराया जाएगा।”
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गाजियाबाद पुलिस ने अपने बयान में 300-400 लोगों के धर्मातरण का दावा नहीं किया था, सिर्फ कॉलर से मिली सूचना के बारे में बताया था।
जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद पुलिस के बयान पर महाराष्ट्र के एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने 8 जून को गाजियाबाद पुलिस को चुनौती दे दी। उन्होंने ट्वीट किया, “बिना किसी सबूत के इस तरह की भड़काऊ खबरें फैलाना और समाज का माहौल खराब करना क्या सही है? महाराष्ट्र में माहौल बिगाड़ने की कोशिशें चल रही हैं।”
आव्हाड ने आगे लिखा, “महाराष्ट्र पुलिस को आगे आकर सही जानकारी देनी चाहिए। 400 की तो बात छोड़ दीजिए, मुंब्रा में दो धर्मातरण भी दिखाइए। गाजियाबाद के गैर जिम्मेदार अधिकारी के पास अगर कोई दस्तावेज नहीं है तो उन्हें मुंब्रा आकर माफी मांगनी चाहिए। मैं उप्र सरकार से अपील करता हूं कि वह इस्लामिक समुदाय के प्रति ऐसी टिप्पणी करने से परहेज करे।”
सूत्रों ने बताया कि इसी मामले में महाराष्ट्र के मुंब्रा थाने की दो सदस्यीय पुलिस टीम शनिवार को गाजियाबाद पहुंची। यह टीम पुलिस अधिकारियों से मिली। कॉलर ने मुंब्रा में जिस धर्मातरण के बारे में जानकारी दी थी, वह डिटेल जुटाई। कॉलर द्वारा गाजियाबाद पुलिस को भेजे गए धर्मातरण से संबंधित कागजात, फोटो-वीडियो, ऑडियो और मोबाइल नंबर भी मुंब्रा पुलिस ने प्राप्त किए।
इसके अलावा थाना कविनगर में दर्ज वह एफआईआर कॉपी भी हासिल की, जिसके आधार पर गाजियाबाद पुलिस ने 4 जून को ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में चल रहे धर्मातरण सिंडिकेट का खुलासा किया था। ब्योरे जुटाने के बाद मुंब्रा पुलिस लौट गई है।