ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन सीनियर IAS अनिल सागर के नाम को लेकर शासन की अंतिम मुहर लग गई। पिछले तीन दिनों से चर्चा थी कि उत्तर प्रदेश के सीनियर आईएएस अनिल सागर को यमुना प्राधिकरण का चेयरमैन बनाया जा सकता है। औद्योगिक विकास अनुभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आदेश जारी कर अनिल सागर के नियुक्ति की जानकारी दी गई।
आपको बता दें कि अनिल सागर वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार में औद्योगिक अवस्थापना विभाग के प्रमुख सचिव के पद पर तैनात हैं। अनिल सागर के अलावा यूपीसीडा, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण और सतहरिया औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष की भी नियुक्ति की गई है। अनिल सागर को नरेंद्र भूषण के स्थान पर यमुना प्राधिकरण का चेयरमैन बनाया गया है। नरेंद्र भूषण को उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में काम को लटकाने वाला और काम को लेकर सुस्त रवैया अपनाने वाले अधिकारी के रूप में जाना जाता है। यमुना प्राधिकरण से उनकी विदाई की वजह भी इसी रवैये को माना गया। नरेंद्र भूषण यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन से पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ के पद पर तैनात रहे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आज बदहाल और बदनाम प्राधिकरण बना हुआ है। इसके लिए नरेंद्र भूषण और रितु माहेश्वरी को जिम्मेदार माना जा रहा है। नरेंद्र भूषण को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ के पद से हटाने के बाद रितु माहेश्वरी को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का सीईओ बनाया गया। लेकिन रितु माहेश्वरी का कार्यकाल नरेंद्र भूषण के कार्यकाल से भी खराब रहा। रितु माहेश्वरी के कार्यकाल के दौरान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में लोगों की आवाजाही पर सख्त प्रतिबंध था। अधिकारी मनमानी करते थे और किसी की सुनी नहीं जाती थी।
अनिल सागर औद्योगिक अवस्थापना विभाग के प्रमुख सचिव के पद के साथ यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन का कामकाज संभालेंगे। 1998 बैच के आईएएस अनिल सागर मूल रूप से कन्नौज जिÞले के रहने वाले हैं। वह लखनऊ, कानपुर, मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर जैसे महत्वपूर्ण जिÞलों के कलेक्टर रह चुके हैं। बस्ती के मण्डलायुक्त रहे हैं। उत्तर प्रदेश शासन के कई महत्वपूर्ण विभागों में बतौर सचिव और विशेष सचिव काम किया है।