Saturday, January 4, 2025

वडोदरा में CM आवास योजना में मुस्लिम परिवार को मिला घर,लोग बोले- सोसायटी में 461 हिन्दू परिवार रहते हैं

वडोदरा। गुजरात के वडोदरा में धर्म के आधार पर भेदभाव करने का गंभीर मामला सामने आया है। यहां उद्यमशीलता एवं कौशल विकास मंत्रालय में काम कर रही मुस्लिम महिला (44) को वडोदरा नगर निगम की निम्न आय ग्रुप वाले हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में फ्लैट अलॉट किया गया था। उन्होंने हरनी इलाके में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 2017 में मिला था। वह अपने नाबालिग बेटे के साथ वहां शिफ्ट होने वाली थी।

 

वडोदरा के हरनी स्थित मुख्यमंत्री आवास योजना में एक मुस्लिम परिवार को मकान आवंटित किए जाने पर हंगामा शुरू हो गया है। सोसायिटी में बाकी निवासियों ने इस मकान के आवंटन का विरोध करना शुरू कर दिया है। लोग मुस्लिम परिवार के आवंटन को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। हरनी की इस रेजिडेंशियल सोसायटी का नाम मोटनाथ रेजीडेंसी है। यहां रहने वाले नागरिकों ने जय श्रीराम के नारे लगाते हुए निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लोगों का आरोप है नगर पालिका हिंदू इलाके में मुस्लिम को मकान आवंटित कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रही है।

 

बता दें कि मामला साल 2017 का ही है। उद्यमिता और कौशल विकास मंत्रालय की एक शाखा में काम करने वाली 44 साल की मुस्लिम महिला को मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत यहां एक आवास आवंटित हुआ। यह आवास हरनी में वडोदरा नगर निगम के एलआईजी आवासीय परिसर में स्थित है। यहां कुल 462 फ्लैट्स हैं. 461 फ्लैट्स हिंदू परिवार को अलॉट हुए जबकि केवल एक मुस्लिम परिवार को लेकिन जैसे ही यहां के लोगों के इसकी जानकारी मिली, सबने विरोध करना शुरू कर दिया।

 

मोटनाथ रेजीडेंसी में रहने वाले लोगों ने इस संबंध में नगर निगम को ज्ञापन दिया है। लोगों का आरोप है कि नगर पालिका इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। ऐसे में स्थानीय लोगों ने भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। और कहा है कि नगर पालिका जल्द से जल्द मुस्लिम परिवार के नाम आवंटित आवास को रद्द करे। लोगों ने यहां अशांत एक्ट लागू होने का भी हवाला दिया है।

सोसायिटी के लोगों की बढ़ती नाराजगी को देखते हुए मामले में नगर पालिका के अफोर्डेबल हाउसिंग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर नीलेश परमार ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि इस भवन के दस्तावेज 2018 में पास हुए थे। उस वक्त अशांत एक्ट लागू नहीं था। चूंकि सरकारी योजनाओं में धर्म के आधार पर कोई आवंटन नहीं होता इसलिए इसमें नगर पालिका की कोई जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर लोकल निवासी मिलकर कोई हल निकालते हैं तो वही बेहतर होगा।

 

वहीं मुस्लिम महिला का कहना है कि वह शुरू से ही ऐसे इलाके में रही है, जहां सभी संस्कृति के लोग रहते हैं. महिला का कहना है उसका 12 साल का एक बेटा है। लोगों के विरोध को देखते हुए महिला ने निराशा जताई है और कहा है कि वह अपने बेटे को लेकर आखिर अब कहां जा सकती है। उसका कहना है वह अपने बेटे को एक बेहतर माहौल देना चाहती है।

सबसे पहले यहां के 33 निवासियों ने जिला कलेक्टर और अन्य संबंधित अधिकारियों को एक लिखित शिकायत भेजी। इस शिकायत में उन्होंने आशांति की आशंका का हवाला दिया। हालांकि अधिकारियों ने कहा कि कॉम्प्लेक्स में एकमात्र मुस्लिम आवंटी है इसके बावजूद विरोध कम नहीं हुआ। धीरे धीरे यहां विरोध करने वालों की संख्या बढ़ती गई।

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