मुजफ्फरनगर। गैंगस्टर कोर्ट ने लूट के मुकदमे के कारण लगे गैंगस्टर मुकदमें में अभियुक्त को दो वर्ष का कठोर कारावास व पांच हजार रूपए जुर्माना की सजा सुनाई है।
यह प्रकरण थाना चरथावल का है, जिसमें 1 जनवरी 2015 को तत्कालीन थाना अध्यक्ष थाना चरथावल मुनेंद्र पाल सिंह द्वारा इरशाद पुत्र शमशाद, जावेद पुत्र खिलाफत, सचिन उर्फ चौटाला उर्फ राठौर पुत्र हरपाल सिंह तथा मुजम्मिल पुत्र खलील के विरुद्ध थाना चरथावल पर का एक मुकद्दमा पंजीकृत कराया था उक्त अभियुक्तों का एक संगठित गिरोह था, जिसका मुखिया इरशाद पुत्र शमशाद था उक्त गिरोह क्षेत्र में हत्या, लूट जैसे जघन्य अपराध करते थे जिस कारण जनता का कोई भी व्यक्ति उनके खिलाफ गवाही देने या मुकदमा लिखवाने को तैयार नहीं होता था, इनके इन्ही कृत्यों के आधार पर तत्कालीन थाना प्रभारी मुनेंद्र पाल सिंह द्वारा उक्त के विरुद्ध उत्तर प्रदेश गिरोह बंद अधिनियम 1986 की धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा पंजीकृत कराया था।
मुकदमे की विवेचना तत्कालीन थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार शर्मा द्वारा की गई थी। आज न्यायाधीश गैंगस्टर कोर्ट मुजफ्फरनगर काशिफ शेख द्वारा सचिन उर्फ चौटाला उर्फ राठौर पुत्र हरपाल सिंह निवासी रामपुर माजरा थाना देवबंद जिला सहारनपुर थाना शाहपुर को गैंगस्टर एक्ट की उपरोक्त धाराओं में दोषी करार देते हुए दो वर्ष का कठोर कारावास तथा 5000 रुपए जुर्माना से दंडित किया।
शेष मुलजिमान की पत्रावली न्यायालय में पृथक रूप से लंबित है। मुकदमे की प्रभावी पैरवी विशेष लोक अभियोजक दिनेश सिंह पुंडीर व विशेष लोक अभियोजक राजेश शर्मा द्वारा की गई।