जयपुर। भ्रष्टाचार और बेरोजगारी को लेकर अपनी तीन मांगों पर अडिग पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने स्पष्ट कर दिया है कि वे पीछे हटने वाले नहीं हैं। पायलट ने गहलोत सरकार को फिर अल्टीमेटम याद दिलाते हुए कहा कि युवाओं से सार्वजनिक मंच पर किए गए कमिटमेंट हवाई बातें नहीं हैं। तीनों मांगों पर कोई समझौता नहीं होगा। पायलट बुधवार को टोंक दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ सुलह बैठक के दो दिन बाद अब सचिन पायलट ने कहा कि परसों मैंने इन बातों को दिल्ली में रखा था। सभी इन बातों को जानते हैं। मैं कहना चाहता हूं, मैंने जो मुद्दे उठाए थे खासकर वसुंधरा सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई हो। भाजपा के शासन में लूट मची थी, उसके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी। नौजवानों को इंसाफ दिलाने की बात थी। उस पर समझौता करना संभव नहीं है। मैं उम्मीद करता हूं कि मैंने 15 मई को जो कहा था सरकार उस पर जल्द कार्रवाई करें। यह सभी जानते हैं। मैं इंतजार कर रहा हूं। परसों बात की थी। इन मुद्दों पर कार्रवाई करने का दायित्व, राज्य सरकार का है। कल नया महिना शुरू होने वाला है, देखिये कल क्या होता है।
पायलट ने साफ किया कि मैंने नौजवान साथियों से सार्वजनिक रूप से जो आश्वासन दिया, जो कमिटमेंट किए हैं। मेरे कमिटमेंट हवाई बातें नहीं है। इसमें कोई गलती बता दे। कांग्रेस पार्टी हमेशा करप्शन के खिलाफ रही है। नौजवानों के पक्ष में रही है। नौजवानों को न्याय दिलाना और भाजपा सरकार में जो करप्शन हुआ है, उसकी जांच करवाना अनिवार्य है। उस पर कोई समझौता नहीं होगा।
पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी, शीर्ष नेतृत्व, राहुल गांधी भी इस बात को कई बार दोहरा चुके हैं कि भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी दो दिन पहले मेरी बात दिल्ली में हुई थी। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व, अध्यक्ष से जो मैंने मांगे रखी थी, उसका पूरा संज्ञान पार्टी को भी है। उन्हें सब बात की जानकारी है। मैंने 15 तारीख को एक सभा को संबोधित किया था। भाजपा के शासन में वसुंधरा राजे के कार्यकाल में जो जो करप्शन के मामले उठे थे, वे खुद अशोक गहलोत साहब ने और मैंने उठाए थे। तमाम कांग्रेस नेताओं ने कई बार इन बातों को पब्लिक डोमेन में रखा था। उन पर प्रभावी जांच होनी चाहिए। जहां तक आरपीएससी है, वहां पर काफी पद खाली पड़े हैं। कुछ नियुक्तियां ऐसी हैं, जो बेहतर हो सकती हैं। इसलिए उसका आमूलचूल परिवर्तन लाना जरूरी है। आरपीएससी के कामकाज में आमूलचूल बदलाव लाने की जरूरत है। हमारे लाखों लाख बच्चे हैं बड़ी मुश्किल से शहरों में जाकर किराए का कमरा लेकर पढ़ाई करते हैं। पैसे खर्च करते हैं, साल दर साल मेहनत करते हैं, उनके साथ धोखा हो जाता है तो उन लोगों के आर्थिक रूप से मदद करें, यह मुद्दा मैंने उठाया था। और मैं समझता हूं इस मुद्दे पर सरकार कार्रवाई करेगी। भ्रष्टाचार और नौजवानों के भविष्य इन दो मुद्दों पर किसी प्रकार का कोई समझौता करे या मैं समझौता करूं यह संभव नहीं है।