मुजफ्फरनगर। जनपद न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विनय कुमार द्विवेदी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
जनपद न्यायाधीश द्वारा अपने सम्बोधन में राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए यह कहा गया कि लोक अदालत में होने वाले फैसले में हार जीत का कोई प्रश्न नहीं रह जाता है, क्योंकि जब वादकारी आपसी समझौते के आधार पर वाद का निस्तारण करते हैं तो उनके मध्य आपसी सौहार्द बना रहता है एवं उनके अमूल्य समय की बचत भी होती है। उनके द्वारा यह भी कहा गया कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य वादकारियों को सरल, सुलभ एवं त्वरित न्याय प्रदान करना है।
लोक अदालत के नोडल अधिकारी अपर जिला जज शक्ति सिंह द्वारा अपने सम्बोधन में यह कहा गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत लोक अदालत विवादों को सुलह-समझौते के माध्यम से निस्तारित कराने का एक बहुत बड़ा माध्यम है तथा त्वरित न्याय प्राप्त करने का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण साधन है। लोक अदालत समाज के वंचित और कमजोर वर्ग के व्यक्तियों के लिये वरदान साबित हो रही है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुजफ्फरनगर के सचिव अनिल कुमार ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 03 लाख 29 हजार 928 प्रकरण निस्तारित किये गये।
जिला अधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी के नेतृत्व में राजस्व अधिकारियों द्वारा भी बड़ी संख्या में प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न बैंकों के द्वारा 1519 बैंक ऋण मामले निस्तारण कराकर लगभग 22 करोड़ 72 लाख 13 हजार रूपये की धनराशि का सेटलमेंट किया गया।
आज की लोक अदालत में कई सामाजिक कार्य भी सम्पादित किये गये तथा दिव्यांगजनों को ट्राईसाईकिल वितरित की गयी। इस अवसर पर न्यायालय परिसर स्थित पार्क के नवीनीकरण उपरान्त उसका उद्घाटन जनपद न्यायाधीश द्वारा किया गया। लोक अदालत में समस्त वादकारियों के स्वास्थय परीक्षण की व्यवस्था हेतु एक चिकित्सीय कैम्प भी लगाया गया। साथ ही जेल में निरुद्ध महिला बन्दीयों द्वारा बनाये गये विभिन्न प्रकार के उत्पादों के विक्रय हेतु एक स्टाॅल भी लगाया गया। न्यायालय परिसर में वादकारियों की जितनी भीड़ आज की लोक अदालत में देखी गयी, ऐसी पूर्व में कभी नहीं पायी गयी।
इस अवसर पर जिला बार संघ के अध्यक्ष प्रमोद त्यागी, सचिव सुरेन्द्र कुमार मलिक, सिविल बार संघ के अध्यक्ष ब्रिजेन्द्र सिंह मलिक, सचिव सतेन्द्र कुमार, अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम रजनीश कुमार, अपर जिला जज गोपाल उपाध्याय, कमलापति, अशोक कुमार, शाकिर हसन, सीताराम, श्रीमती हेमलता त्यागी, श्रीमती अलका भारती, रितिश सचदेवा, श्रीमती रीमा मल्होत्रा, श्रीमती दिव्या भार्गव, अंजनी कुमार सिंह, श्रीमती मंजुला भलोटिया, निशान्त सिंगला, मनोज कुमार जाटव, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आकांक्षा गर्ग, पंजाब नेशनल बैंक के आर.एम. राजकुमार अग्रवाल, स्टेट बैंक आॅफ इण्ड़िया के डी.जी.एम. आर.के. सिंह, आर.एम. राजेन्द्र ढींगरा सहित समस्त न्यायिक अधिकारी, समस्त बैंको के अधिकारी एवं बडी संख्या में वादकारी उपस्थित रहे।