Tuesday, April 8, 2025

“बस जुल्म इतना है कि हम मुसलमान हैं” – मौलाना मुकर्रम कासमी

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मुजफ्फरनगर। वक्फ संशोधन बिल के विरोध में मस्जिदों में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन की कार्रवाई लगातार दूसरे दिन भी जारी रही। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील पर किए गए इस शांतिपूर्ण विरोध के चलते अब तक लगभग 300 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं।

 

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प्रशासन की इस कार्रवाई की जद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के पदाधिकारी, मदरसा संचालक, मस्जिदों के इमाम और कई प्रतिष्ठित मुस्लिम समाजसेवी भी आए हैं। इन्हीं में शामिल हैं जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मुजफ्फरनगर जिला अध्यक्ष मौलाना मुकर्रम कासमी, जिन्हें भी नोटिस भेजा गया है।
विरोध पर निगरानी और कार्रवाई
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रमज़ान के अंतिम जुम्मे और ईद की नमाज़ के दौरान बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय ने मस्जिदों में काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ विरोध जताया था। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के माध्यम से प्रदर्शनकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ “दंगा भड़काने और माहौल खराब करने की आशंका” के तहत नोटिस जारी किए हैं।

 

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मौलाना मुकर्रम कासमी की प्रतिक्रिया
नोटिस मिलने के बाद मौलाना मुकर्रम कासमी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा,“हम सिर्फ मुसलमानों के मुद्दे उठाते हैं, इसी वजह से हमें नोटिस मिला है। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। हमारा कसूर बस इतना है कि हम मुसलमान हैं।” उन्होंने आगे कहा कि,“यह नोटिस क्यों दिया गया है, यह समझ से परे है। विरोध प्रदर्शन करना हमारा संवैधानिक अधिकार है। जब प्रदर्शन ही नहीं हुआ, तब नोटिस जारी करना गलत है। प्रशासन भोले-भाले लोगों को डराने का काम कर रहा है।”

 

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सांप्रदायिक संतुलन की अपील
मौलाना ने रामनवमी के मौके पर कथित रूप से मस्जिदों पर भगवा झंडा फहराए जाने की घटनाओं का हवाला देते हुए सवाल उठाया कि, “उस समय कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन मुसलमानों को शांति से विरोध करने पर नोटिस दिए जा रहे हैं। सरकार को दोनों आंखों से देखने की जरूरत है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद का रुख स्पष्ट है और अगर जरूरत पड़ी तो वक्फ संशोधन बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
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