नई दिल्ली। आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी को कोई राहत नहीं मिली है। जौहर यूनिवर्सिटी को दी गई जमीन की लीज यूपी सरकार की तरफ से रद्द किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले को पहले हाई कोर्ट सुने।
मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर यूपी सरकार द्वारा यूनिवर्सिटी को दी गई जमीन की लीज को रद्द करने के फैसले को चुनौती दी गई थी। यूपी की तत्कालीन सपा सरकार ने रामपुर के मुर्तजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का भवन समेत पूरा परिसर 99 साल की लीज पर मौलाना मोहम्मद जौहर ट्रस्ट को दे दिया था। इसके लिए सौ रुपये सालाना किराया तय किया गया था। इसके लिए यूपी की माध्यमिक शिक्षा विभाग के साथ करार भी किया गया था।
अब यूपी सरकार ने करार की शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए लीज निरस्त कर दी है। ये मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी लंबित है। हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई में देरी के बाद मौलाना मोहम्मद जौहर ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।