नोएडा। नोएडा प्राधिकरण के फर्जी अकाउंटेंट ऑफिसर बनकर 3 करोड़ 90 लाख रुपए निकालने के मामले में पुलिस ने आज दोपहर बाद एक आरोपी अब्दुल खादर निवासी पांडुचेरी तमिलनाडु को गिरफ्तार किया है। इसके पास से कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं। इससे पुलिस की कई टीमें गहनता से पूछताछ कर रही है। आरोपी से मिली जानकारी के आधार पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, लखनऊ, गुजरात, पांडुचेरी, कोलकाता सहित कई जगहों पर पुलिस की टीमें दबिश दे रही है। पुलिस अधिकारियों ने दावा किया है कि गिरफ्तार आरोपी अभी घटना की पहली कड़ी है। इसमें कई कड़ियां और जुड़ेंगी। पुलिस अधिकारी बैंक के अधिकारियों और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों से भी पूछताछ कर रहे हैं। बैंक से निकाली गई रकम अभी तक बरामद नहीं हो पाई है। बताया जाता है कि इस गैंग के लोग कई दिनों तक नोएडा के विभिन्न होटलों में ठहरे थे। पुलिस उन होटलों के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर रही है।
पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) हरिश चंदर ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण ने 23 जून को बैंक ऑफ इंडिया के सेक्टर-62 ब्रांच में 200 करोड़ रुपए एफडी करवाने के लिए जमा कराए थे। प्राधिकरण ने सभी कागजात बैंक को सौंप दिए थे, लेकिन बैंक की तरफ से एफडी नहीं दी गई। इस दौरान अब्दुल खादर ने खुद को नोएडा प्राधिकरण का अकाउंट अफसर बताकर बैंक से 3 करोड़ 80 लाख तीन अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए, जहां से रकम गुजरात प्रांत के 15 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की गई। आरोपी दोबारा 9 करोड रुपए ट्रांसफर करवाना चाह रहा था। इसी बीच बैंक की एक महिला अधिकारी को शक हो गया। उन्होंने इसे चेक किया तो जालसाजी की बात सामने आई। बताया जाता है कि 9 करोड़ रुपया ट्रांसफर कर दिए गए थे, लेकिन महिला अधिकारी ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए रकम को होल्ड कर लिया।
उन्होंने बताया कि घटना की जांच कर रही पुलिस टीम ने आज दोपहर बाद अब्दुल खादर निवासी पांडुचेरी को गिरफ्तार किया है। उसके पास से कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं। उससे गहनता से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि उससे मिली जानकारी के आधार पर पुलिस राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, गुजरात, पांडुचेरी, लखनऊ तथा कोलकाता के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रही है। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि अब्दुल इस घटना की पहली कड़ी है। इसके पीछे मास्टरमाइंड कोई और है। पुलिस को यह भी शक है कि इस गैंग का सरगना बैंक या नोएडा प्राधिकरण का कोई अधिकारी भी हो सकता है। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि अब्दुल को कैसे पता चला कि नोएडा प्राधिकरण ने बैंक में 200 करोड़ रुपए एफडी के लिए जमा कराया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक 200 सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच की गई है। सेक्टर-62 स्थित बैंक और नोएडा प्राधिकरण के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच की गई है। उन्होंने बताया कि सर्विलेंस विधि की भी सहायता ली जा रही है। उन्होंने बताया कि कुछ अन्य लोगों से भी पुलिस पूछताछ कर रही है।
मालूम हो कि इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के वित्त अधिकारी मनोज कुमार ने 4 जुलाई को थाना सेक्टर-58 मे मुकदमा दर्ज करवाया था। इस मामले की आंतरिक जांच के लिए नोएडा प्राधिकरण की सीईओ श्रीमती रितु माहेश्वरी ने एसीईओ मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। समिति में एसीईओ प्रभाष कुमार और मुख्य विधि अधिकारी रविंद्र प्रसाद गुप्ता को सदस्य बनाया गया है। समिति को 15 दिन में विस्तृत जांच रिपोर्ट सीईओ को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।