लखनऊ-निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण के मामले में उच्च्तम न्यायालय का फैसला आने के बाद अगले दो दिनों में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी किये जाने की संभावना है।
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि उच्चतम न्यायालय ने निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण देने के मामले में सुनवाई करते हुए योगी सरकार द्वारा बनाए गए ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। साथ ही कोर्ट ने दो दिनों के भीतर निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी करने की इजाजत दे दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुये कहा कि ओबीसी आयोग की रिपोर्ट स्वीकार कर ओबीसी आरक्षण के साथ नगरीय निकाय चुनाव कराने के आदेश का स्वागत है। सरकार ओबीसी आरक्षण के लिये प्रतिबद्ध थी और उसने न्यायालय द्वारा दी गयी समयावधि के भीतर ही सारी कार्यवाही कर ली। सरकार विधि सम्मत तरीके से आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए नगरीय निकाय चुनाव कराने के लिये प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर विपक्ष ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करवाई थी। मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के तत्काल निकाय चुनाव कराने का निर्णय दिया था। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया था कि प्रदेश सरकार दलित, पिछड़ा समेत समाज के सभी वर्गों के लिए समर्पित है। बिना भेदभाव के सबका साथ-सबका विकास की भावना के साथ कार्य कर रही है। हम बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं कराएंगे।
बाद में सरकार ने ओबीसी आयोग का गठन किया था और हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। जिस पर 27 मार्च को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के तत्काल चुनाव कराने के आदेश पर रोक लगाते हुए ओबीसी आरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए गठित आयोग को 31 मार्च के भीतर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने अपना कार्य करना शुरू कर दिया।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 75 जिलों का दौरा किया और सर्वे के बाद नौ मार्च को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। वहीं आयोग की रिपोर्ट और सिफारिशों को सरकार ने 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया था। जिस पर आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार के पक्ष में फैसला दिया है और आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार्य कर लिया है। साथ ही ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने की अनुमति दे दी है।