लखनऊ| उत्तर प्रदेश की जेलों में अब स्मार्ट वॉच पहन के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह कदम मोबाइल की तरह इनका इस्तेमाल होने की आशंका के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। प्रदेश के डीजी जेल आनंद कुमार ने शुक्रवार को इसका आदेश जारी कर दिया।
जानकारों की मानें तो यूपी की जेलों में चौकसी बढ़ाए जाने की यह तेजी बीते दिनों माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी और उसकी पत्नी निकहत की जेल में मुलाकात के सामने आने के बाद से शुरू हुई है।
राज्य के डीजी जेल आनंद कुमार के अनुसार, जेल मुख्यालय के संज्ञान में आया है कि जेल अधिकारी एवं कर्मचारी सामान्य मैनुअल घड़ी की जगह स्मार्ट वाच और स्मार्ट बैंड का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये डिवाइस मोबाइल से जुड़ने के बाद उसकी तरह काम करने लगते है, इसलिए इनका मोबाइल की तरह इस्तेमाल किए जाने की संभावना रहती है। इसी वजह से ऐसे डिवाइस को जेल के भीतर ले जाने और इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
इस संबंध में जारी किए गए आदेश में डीजी जेल आनंद कुमार ने सभी अधीनस्थ कार्यालयाध्यक्षों को कहा है कि किसी भी दशा में किसी भी व्यक्ति द्वारा कारागार के भीतर स्मार्ट वाच या स्मार्ट बैंड को कारगर के भीतर नहीं ले जाया जाएगा। अर्थात स्मार्ट वाच और स्मार्ट बैंड को पूर्णत: प्रतिबंधित किया जाता है। इस आदेश के बाद अब जेल में जांच के दौरान किसी के पास स्मार्ट वाच और स्मार्ट बैंड मिला तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
जेल अधिकारियों को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। इस आदेश के जरिये अब राज्य की 74 जेलों में बंद करीब 1.14 लाख से अधिक कैदी स्मार्ट वाच और स्मार्ट बैंड नही पहन सकेंगे। इस आदेश की जद में 30,000 से अधिक सजायाफ्ता कैदी और 12,000 कैदी आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे कैदी भी आएंगे।
इनके पास भी स्मार्ट वाच और स्मार्ट बैंड पाये जाने पर इनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। जेल अधिकारियों के अनुसार किसी भी कैदी या जेल कर्मचारी के पास यदि स्मार्ट वाच और स्मार्ट बैंड मिला तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। इसके साथ ही उनके खिलाफ नियमानुसार एक्शन लिया जाएगा।