नई दिल्ली। ट्रेनों में खाली जा रही सीटों को भरकर राजस्व बढ़ाने के लिए केंद्रीय रेल मंत्रालय ने शनिवार को एसी सिटिंग ट्रेनों में रियायती किराया योजना शुरू करने की घोषणा की। रेलवे ने एक बयान में कहा, “ट्रेनों में आवास के उपयोग को अनुकूलित करने के उद्देश्य से रेल मंत्रालय ने नियम और शर्तों के अधीन, एसी सिटिंग वाली ट्रेनों में रियायती किराया योजना शुरू करने के लिए जोनल रेलवे को अधिकार सौंपने का निर्णय लिया है।”
बयान में कहा गया है कि रियायती किराया योजना अनुभूति और विस्टाडोम कोच सहित एसी सिटिंग की सुविधा वाली सभी ट्रेनों की एसी चेयर कार और एक्जीक्यूटिव क्लास में लागू होगी। इसमें यह भी कहा गया है कि छूट मूल किराए पर अधिकतम 25 प्रतिशत तक मिलेगी। आरक्षण शुल्क, सुपर फास्ट सरचार्ज, जीएसटी जैसे अन्य शुल्क अलग से लगाए जाएंगे।
छूट किसी या सभी वर्गों में प्रदान की जा सकती है:
मंत्रालय ने कहा कि पिछले 30 दिन के दौरान जिन ट्रेनों की श्रेणियों में 50 प्रतिशत ज्यादा सीटें खाली गई हैं उनमें छूट प्रदान की जा सकती है – चाहे यह पहले से लेकर आखिरी स्टेशन तक हो या किन्हीं दो स्टेशनों के बीच। इनमें वंदे भारत, अनुभूति और विस्टाडोम बोगियों वाली ट्रेनें भी शामिल हैं।
छूट की मात्रा तय करते समय परिवहन के प्रतिस्पर्धी माध्यम का किराया मानदंड होगा:
इसमें यह भी कहा गया है कि उन ट्रेनों के मामले में जहां किसी विशेष श्रेणी में फ्लेक्सी किराया योजना लागू है और सीटें खाली जा रही हैं, मांग बढ़ाने के उपाय के तौर पर शुरू में फ्लेक्सी किराया योजना को वापस लिया जा सकता है।
रेल मंत्रालय ने कहा, “यदि इससे भी मांग में सुधार नहीं होता है, तो उन ट्रेनों या श्रेणियों में छूट योजना लागू की जा सकती है। छूट तत्काल प्रभाव से लागू की जाएगी। हालांकि, पहले से बुक किए गए यात्रियों के लिए किराया वापसी स्वीकार्य नहीं होगी।”
यह योजना अवकाश या त्योहार स्पेशल के रूप में शुरू की गई विशेष ट्रेनों पर लागू नहीं होगी।
साथ ही, यदि शुरू से अंत तक छूट प्रदान की जाती है तो ऐसी ट्रेनों में तय अवधि के लिए तत्काल कोटा निर्धारित नहीं किया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि इस योजना का प्रावधान एक वर्ष की अवधि तक लागू रहेगा।