Sunday, April 27, 2025

विपक्षी दलों को एकजुट करने के ‘अगुआ’ नीतीश से पुराने लोगों का हो रहा मोहभंग!

पटना। बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों के नेता 23 जून को एकमंच पर जुटेंगे और केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा को सत्ता से हटाने को लेकर आगे की रणनीति तय करेंगे। लेकिन, इससे पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने के अगुआ माने जाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने जोर का झटका दिया और संतोष सुमन ने नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर अलग रास्ता अख्तियार कर लिया। इस घटना के बाद कहा जाने लगा है कि नीतीश कुमार जब अपने राज्य में ही महागठबंधन को ही नहीं संभाल पा रहे हैं तो देश में विपक्ष को एकजुट कैसे रख पाएंगे।

गौर से देखा जाए तो जीतन राम मांझी के अलग होने से फिलहाल महागठबंधन सरकार की सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। वैसे, चर्चा है कि मांझी की पार्टी फिर से एनडीए के साथ जा सकती है।

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के महागठबंधन से अलग होने के बाद जदयू के नेता भी कहते हैं कि इससे बहुत बड़ा प्रभाव महागठबंधन पर नहीं पड़ने वाला है, लेकिन गौर करने वाली बात है कि बिहार में महागठबंधन के साथ जाने के बाद जदयू का कुनबा घटता जा रहा है।

[irp cats=”24”]

नीतीश के कभी विश्वासी माने जाने वाले आरसीपी सिंह ने साथ छोड़ दिया तो पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष रहे उपेंद्र कुशवाहा ने भी अलग रास्ता अख्तियार कर अलग पार्टी बना ली।

जदयू की प्रवक्ता रहीं सुहेली मेहता ने पार्टी छोड़ दी, तो पूर्व सांसद मीना सिंह ने भी जदयू को बाय-बाय बोल दिया। जदयू के प्रवक्ता रहे माधव आनंद ने भी जदयू से किनारा कर लिया और अलग राह पकड़ ली। इसके अलावा जदयू के शंभू नाथ सिन्हा ने भी पार्टी से नाता तोड़ लिया है।

इन नेताओं के जदयू से अलग होने के बाद आने वाले चुनावों पर क्या असर पड़ेगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में नीतीश के लिए आगे की राह आसान नहीं है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय