गाजियाबाद। पैरालंपिक में कांस्य पदक मिला, इसकी खुशी है, लेकिन लक्ष्य अभी अधूरा है। यह स्वर्ण पदक मिलने पर ही पूरा होगा। इसे हासिल करके ही रहूंगी। यह कहना है कि बृहस्पतिवार को अर्जुन अवार्ड के लिए चयनित पैरा एथलीट सिमरन शर्मा का।
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सिमरन शर्मा ने कहा, जिद, जुनून और जूझने का जज्बा है तो कोई भी मंजिल तक पहुंच सकता है। समस्याएं रास्ता रोकती हैं लेकिन, जब ठान लिया है मंजिल को हासिल करना ही है। उन्होंने बताया कि बचपन से ही आंखों की रोशनी ठीक नहीं थी। देखने में समस्या होती थी, लेकिन कभी इसे खुद पर हावी नहीं होने दिया।
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उन्होंने बताया कि मोदीनगर के एमएमवी स्कूल में पढ़ाई के दौरान टीचर से जो सबक मिला, वह हमेशा काम आया। हुआ यह कि खेलकूद के दौरान साथी की गलती से हार का सामना करना पड़ा। टीचर नाराज हुए। उन्होंने पिटाई कर दी। पिटाई को सबक मान लिया। ठान लिया कि अब न गलती करनी है और न ही हारना है। यह सबक हमेशा काम आया।