देवबंद (सहारनपुर)। भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन के त्योहार से दो दिन पूर्व देवबंद नगर के बाजारों में राखियों की खरीदारी को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। रक्षाबंधन का त्योहार सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार राखी यानी रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा।
देवबंद नगर के मीना बाजार, रेलवे रोड, मेन बाजार, तांगा स्टैंड में राखियों की दुकानों पर काफी भीड़ देखने को मिल रही है। बाजारों में राखी से लेकर मिठाई और गिफ्ट की भी काफी अच्छी बिक्री हो रही है। इस बार कच्चे सूत की राखी से लेकर रेशम की राखी, कृष्ण जी, खाटू श्याम जी, शिवजी की राखियों के साथ-साथ बच्चों के लिए टेडी बेयर, घड़ी और लाइटनिंग जैसी कई वैरायटी की राखियां उपलब्ध है। जिनकी खूब बिक्री हो रही है। इसके अलावा सबसे अधिक डिमांड अयोध्या धाम के तर्ज पर भगवान श्री राम के नाम की राखी की है।
स्टोन, कुंदन की छोटी राखियों की मांग सबसे ज्यादा है। इसके अलावा कंगन राखी और बच्चों के लिए कार्टून राखी भी खूब पसंद की जा रही है। इसमें 10 रुपए से लेकर हजार रुपए तक की राखी उपलब्ध है। बाजार में मध्यम दर्जे की राखी सबसे ज्यादा खरीदी जा रही है। इसमें स्टोन वर्क की रेशम धागे वाली राखी, जिसकी रेंज 10 रुपए से लेकर 120 रुपए तक है। इसके अलावा चांदी की राखी पांच सौ रुपए से लेकर दो हजार तक में उपलब्ध है। वहीं सोने की राखी पचास हजार रुपए तक की है।
पिछले कुछ वर्षों से राखी पर बहनों को कपड़ा देने का चलन भी काफी बढ़ा है। ऐसे में पिछले सप्ताह में बाजार सहित सभी कपड़ा बाजारों में बड़ी तेजी देखने को मिली है। व्यापारी बताते हैं कि राखी के त्योहार पर लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। एक तरफ जहां बहनें भाई के लिए राखियां खरीद रही हैं। वहीं भाई भी बहनों के लिए राखी गिफ्ट खरीदने में पीछे नहीं हैं। इस बार बाजार में चाकलेट के कई आकर्षक गिफ्ट पैक कंपनियों ने उतारे हैं। इसके अलावा कस्टमाइज काफी मग, फोटो फ्रेम, आर्टिफिशियल ज्वैलरी, बैंगल की रिंग, होम डेकोर आदि की मांग काफी ज्यादा है। रक्षाबंधन को लेकर बाजार में मिठाई के साथ पनीर की भी मांग काफी ज्यादा बढ़ गई है। दुकानदार बताते हैं कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मांग काफी ज्यादा बढ़ी है। बाजार में रसगुल्ला, मिल्क केक, काजू कतली, और बूंदी लड्डू की मांग सबसे ज्यादा है।
राखी का मतलब है रक्षा सूत्र। पौराणिक कथाओं में राखी के लिए कच्चे सूत का उल्लेख मिलता है। यह कच्चा सूत कलावा है जिसे किसी भी धार्मिक आयोजन के समय पुरोहित यजमान की कलाई में रक्षा मंत्र बोलते हुए बांधते हैं। धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो यह सबसे उत्तम रक्षा सूक्ष यानी राखी है। इसलिए रक्षाबंधन के दिन पुरोहित लोग इसे ही यजमान की कलाई में बांधकर राखी का त्योहार मनाते हैं।
राखी को लेकर पुराने गानों में रेशम से बनी राखी का बड़ा गुणगान किया गया है। दरअसल रेशम से बनी राखी बहुत ही चमकीली और सुंदर दिखती है। रेशम को धर्म ग्रंथों में पवित्र सूत्र के रूप में बताया गया है। रेशम को हमेशा शुद्ध माना गया है। इसलिए रेशम से बनी राखी को बहुत की पवित्र और प्रेम में शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए भाई-बहनों की राखी के लिए रेशम की बनी राखी उत्तम मानी जाती है।