मौलाना मुकर्रम कासमी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस्लाम को मानने वाले लोगों को ‘कठमुल्ला’ कह रहे हैं, लेकिन यह वही कठमुल्ला हैं जिन्होंने 1857 की आजादी की लड़ाई में अपनी कुर्बानियां दीं। यह वही कठमुल्ला हैं, जिन्होंने महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाई।” बताया कि मौलाना अबुल कलाम आजाद भी वही कठमुल्ला थे, जो आजादी के बाद देश के पहले शिक्षा मंत्री बने। मदरसों में पढ़ने वाले उलेमा हमेशा आपसी भाईचारे को मजबूत करने के लिए काम करते हैं।”
मौलाना मुकर्रम कासमी ने रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत पर सभी को मुबारकबाद दी। उन्होंने बताया कि हम अपने मुस्लिम भाइयों से अपील करते हैं कि रमजान के इस पाक महीने में अल्लाह की इबादत करें, तरावीह की पाबंदी करें और फिजूलखर्ची से बचें। साथ ही, इस महीने में हमारे हिंदू भाइयों का त्योहार होली भी है। हमें दोनों त्योहारों को मिल-जुलकर मनाना चाहिए और आपसी भाईचारे को मजबूत करना चाहिए।” उन्होंने शरारती तत्वों के खिलाफ प्रशासन से सख्त कार्रवाई करने की मांग की, ताकि समाज में शांति और सौहार्द बना रहे।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के जिला अध्यक्ष ने बताया कि किसी भी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। हिंदुस्तान की आजादी में उलेमा और मदरसों का अहम योगदान रहा है। हमें देश में प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए, न कि नफरत को।” उन्होंने बताया कि अगर कोई हमारी तरफ एक हाथ बढ़ाता है, तो हम उसकी तरफ दस हाथ बढ़ाने के लिए तैयार हैं। हमें आपसी भाईचारे के साथ रहना चाहिए, ताकि हमारे देश की छवि मजबूत बनी रहे।”