मेरठ । किठौर थाना क्षेत्र के शाहजहांपुर गांव के जंगल में आम के बाग में तेंदुए का शावक मिला। गांव के बच्चे तेंदुए के शावक को बिल्ली का बच्चा समझकर खेलने लगे और उसके गले में रस्सी बांधकर घुमाया। उसके गुर्राने पर बच्चे भाग गए। वन विभाग ने कड़ी मशक्कत करके शावक को उसकी मां से मिलवाया।
मेरठ में जंगल में आए दिन किसानों को तेंदुए दिखाई दे रहे हैं। किठौर थाना क्षेत्र के शाहजहांपुर गांव के जंगल में गुरुवार को आम के बाग में एक तेंदुए का शावक मिला। गांव के बच्चे तेंदुए के शाव को बिल्ली का बच्चा समझ कर उसके साथ खेलने लगे। कभी उसे गोद में उठाते तो कभी उछालने लगते। उसके गले में रस्सी बांधकर बगीचे में घुमाया।
तेंदुए के शावक के गुर्राने पर डरकर बच्चे भाग गए। बाग के रखवाले युवक ने मौके पर पहुंचकर देखा तो वह तेंदुए का बच्चा था। युवक ने ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी। ग्रामीणों ने पुलिस और वन विभाग को इसकी सूचना दी। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शावक को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने मादा तेंदुए की खोज में सर्च अभियान चलाया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला।
टीम ने टोकरी में बच्चे को रख दिया और मादा तेंदुए से बच्चे को मिलाने का इंतजार करने लगे। शुक्रवार की सुबह मादा तेंदुआ शावक को अपने साथ ले गई। इसके बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली।
डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि जंगली जीव-जंतु के बच्चों छूना नहीं चाहिए, यह खतरनाक हो सकता है। तत्काल वन विभाग को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। तेंदुआ प्रजाति की बात की जाए तो अगर यह मनुष्य के संपर्क में आ जाते हैं तो परिवार के सदस्य उन्हें पहचान नहीं पाते हैं। जिससे उसकी जंगल में वापसी की संभावना खत्म हो जाती है।
इस मामले में भी वन विभाग के अधिकारियों को इस बात का डर था कि कहीं शावक के शरीर पर आदमी के अंगुलियों की गंध पाकर मां बच्चे को छोड़ न दे। खुद के पकड़े जाने के डर से मादा तेंदुआ शावक के पास नहीं जाएगी। डीएफओ ने बताया कि मादा तेंदुआ और शावक की गतिविधियों की निगरानी की जा रही है।