नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से जुड़े विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दे दी। अब इसे संसद में पेश किया जाएगा। इस विधेयक को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के मुखिया एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस विधेयक को “भाजपा का जुगाड़” बताया। विपक्षी पार्टियां इस विधेयक का विरोध कर रही हैं। वे इस बिल को सरकार का शिगूफा बता रही हैं।
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लोकसभा में संविधान के 75 साल पूरे होने के मौके पर जारी चर्चा के बीच अखिलेश यादव ने संसद भवन परिसर में कहा, “संविधान मजबूत हो। अगर संविधान मजबूत होगा, तो हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा।” ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के बारे में उन्होंने कहा, ” ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ भारतीय जनता पार्टी की जुगाड़ योजना है।” सपा के लोकसभा सांसद वीरेंद्र सिंह ने भी ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को लेकर कहा, “यह केवल शिगूफा है। सरकार को पहले विपक्ष को बताना चाहिए देश के संविधान के तहत प्रदेशों को जो अधिकार दिए गए हैं, उनका क्या होगा? सरकार इस पर स्थिति स्पष्ट किए बिना विधेयक को सदन से पास कराने का प्रयास करेगी, तो यह संभव नहीं है।”
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संविधान पर चर्चा को लेकर उन्होंने कहा कि संविधान देश का गौरव है। सभी संविधान दिवस को बहुत उत्साह के साथ मनाएंगे। लेकिन साथ ही साथ सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठाएंगे। जिन मूल्यों और सिद्धांतों को लेकर देश का संविधान बना था उसका उद्देश्य अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को उनका अधिकार देना था, उन अधिकारों का क्या हुआ और अब तक कितना न्याय मिल सका। हम संविधान में दिए अधिकारों का कितना पालन कर सके हैं, सरकार उसका जवाब दे। कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने संविधान पर चर्चा को लेकर कहा, “संविधान को किसने बनाया है, यह पूरी दुनिया जानती है। हमें किसी से प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है।”