रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग। वन स्टॉप सेंटर और चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने केदारघाटी के एक गांव में नाबालिग का विवाह रुकवाया। इस दौरान नाबालिग और उसके माता-पिता और युवक से बातचीत की गई। साथ ही उन्हें ऐसा करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई। इस दौरान दोनों पक्षों ने लिखित में दिया कि वह अपने पाल्यों का विवाह बालिग होने की तिथि के बाद ही करेंगे। बुधवार को वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रभारी रंजना गैरोला भट्ट चाइल्ड हेल्पलाइन टीम के साथ गांव पहुंची।
यहां उन्होंने नाबालिग बेटी और उसके माता-पिता से बातचीत की विवाह को लेकर जानकारी मांगी। इस दौरान परिजनों ने बताया कि विवाह को लेकर तैयारियां चल रही हैं। इस पर, टीम ने उन्हेंं बताया कि नाबालिग का विवाह करना कानूनी जुर्म है। साथ ही यूसीसी के तहत पंजीकरण नहीं होने की स्थिति में भी वह सजा के हकदार हो जाएंगे। बताया कि नाबालिग ने दो वर्ष पूर्व पढ़ाई छोड़ दी थी। इसके बाद, टीम लड़के से भी मिली और उन्हें नाबालिग से विवाह करने की स्थिति में कानूनी कार्रवाई के बारे में बताया।
लड़के ने टीम को आश्वस्त किया कि वह नाबालिग के बालिग होने के बाद ही विवाह करेगा। वन स्टॉप सेंटर की प्रभारी रंजना गैरोला भट्ट ने बताया कि जिले में अभी तक नाबालिग के विवाह रुकवाने के 15 मामले हो चुके हैं। उन्हेांने बताया कि अभी तक जितने मामले आए हैं, उसमें ज्यादातर सोशल मीडिया और फोन कॉल पर दोस्ती होने के बाद यह स्थिति बनी है। दूसरी तरफ जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. अखिलेश मिश्रा ने बताया कि नाबालिग के विवाह के मामले गंभीर विषय हैं। अभी तक जितने भी प्रकरण सामाने आए हैं, उसमें विभागीय टीम ने त्वरित कार्रवाई की है, जो सराहनीय है।