नई दिल्ली। मानव तस्करी के तीन मामलों में वांछित 25,000 रुपए के इनामी 35 वर्षीय एक व्यक्ति को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान संजय उर्फ प्रकाश उर्फ मिंटू मीरदाहा निवासी विजय नगर गाजियाबाद और मूल निवासी पूर्णिया बिहार के रूप में हुई है।
गिरोह के सदस्य दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर घूमते थे और मासूम लड़कियों को शादी का झांसा देकर फंसाते थे और फिर उन्हें अलग-अलग राज्यों में प्रत्येक लड़की के लिए 4-5 लाख रुपए मिलते थे।
पुलिस के मुताबिक, 2017 में संजय को अन्य लोगों के साथ 14 साल की एक लड़की के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र सिंह यादव ने कहा, लड़की को बरामद कर लिया गया है। आरोपियों में से एक के घर से दो और नाबालिग लड़कियों को बरामद किया गया है। इन लड़कियों को संजय सहित गिरोह के सदस्यों द्वारा यौन शोषण के लिए तस्करी की गई थी।
21 मई, 2022 को संजय को कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया था, लेकिन वह जमानत छोड़कर फरार हो गया। उसे उद्घोषित अपराधी घोषित किया गया था।
6 अगस्त, 2022 को एक 14 वर्षीय लड़की स्कूल गई, लेकिन घर नहीं लौटी। पूछताछ में पता चला कि इसी कक्षा की दो और छात्राएं भी लापता हैं।
तीनों लड़कियों को संजय ने बहकाया और वह उन सभी को गाजियाबाद ले गया। उसने उनमें से दो को बेच दिया, लेकिन किसी तरह तीसरा वहां से भागने में सफल रही। लड़की अपने घर लौट आईं और स्थानीय पुलिस को सारी सच्चाई बता दी।
हालांकि, हाल ही में जांच के दौरान पुलिस को संजय के बारे में पुख्ता जानकारी मिली और उसे विजय नगर से गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में संजय ने खुलासा किया कि वह लड़कियों की तस्करी करने वाले गिरोह का सदस्य है।
सीपी ने कहा, गिरोह का काम दिल्ली में रेलवे स्टेशनों के आसपास घूमना और मासूम लड़कियों को शादी के बहाने फुसलाना और फिर प्रत्येक लड़की को 4-5 लाख रुपए के बदले अलग-अलग राज्यों में बेचना है।
संजय ने आगे खुलासा किया कि उसे पहले भी मानव तस्करी के चार और मामलों में गिरफ्तार किया जा चुका है।
2017 में संजय ने पहली बार एक लड़की को बहला-फुसलाकर भिवानी के दादरी में बेच दिया। इसके बाद उसने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर कई लड़कियों को बेच दिया।