Tuesday, November 5, 2024

जम्मू कश्मीर से आतंकवाद पूरी तरह समाप्त होगा- राय

नयी दिल्ली। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में जम्मू कश्मीर में हाल में मुठभेड़ में 28 आतंकवादियों के मारे जाने का हवाला देते हुये कहा कि यह सरकार आतंकवाद को पूरी तरह से समाप्त कर दम देगी और इससे कोई समझौता नहीं किया जायेगा।

 

राय ने सदन में प्रश्नकाल में कांग्रेस के प्रमोद तिवारी के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि आतंकवादियों के साथ हाल में हुयी मुठभेड़ों में कुछ जवान भी शहीद हुये हैं, लेकिन मारे गये आंतकवादियों की संख्या ज्यादा है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में 2004 से 2014 के दौरान जम्मू कश्मीर में 7217 आंतकवादी घटनायें हुयी जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 से अब तक 2259 घटनायें हुयी है।

 

 

उन्होंने कहा कि संप्रग के कार्यकाल में 2829 आम लोग और जवान आतंकवादी घटनाओं में मारे गये थे जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में यह संख्या महज 941 रही है। इस तरह इसमें 67 प्रतिशत कमी आयी है। उन्होंने कहा कि राज्य में अपराध की घटनायें भी इस दौरान कम हुयी है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी घटनाओं में आम नागरिकों की मृत्यु के मामले में 80 प्रतिशत की कमी आयी है और अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद लगभग 900 आतंकवादी मारे गये हैं।
उन्होंने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर में व्यवस्था है, बागवानी की जा रही है। सुरक्षा की पूरी गारंटी है। आतंकवादी बुझते हुये दीपक की तरह गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।

 

 

उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की गयी है। इस दौरान पर्यटन बढ़ा है। वर्ष 2023 में 2.11 करोड़ पर्यटक गये हैं। जो लगातार 10 वर्षाें में रिकार्ड स्तर पर बना है। वर्ष 2004 से 2014 के दौरान जम्मू-कश्मीर में पर्यटक जाने से कतराते थे। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार अनेक कदम उठा रही है। सुविधायें प्रदान की जा रही है। राज्य में जी 20 के कार्यक्रम भी आयोजित किये गये। जम्मू कश्मीर में पांच लाख लोगों को पर्यटक और पर्यटन से लाभ हुआ है।

 

 

राय ने कहा कि राज्य में शांति का माहौल है जिससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुयी है। इसके साथ ही राज्य स्वच्छता पर भी ध्यान दिया जा रहा है और पर्यावरण का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। किसी भी तरह की मंजूरी पर्यावरण को ध्यान में रखते हुये ही दिया जा रहा है।

 

उन्होंने कहा कि पर्यावरण पर संभावित प्रभाव का आकलन किया जाता है। राज्य प्रशासन और केन्द्रीय गृह मंत्रालय का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी तरह की मंजूरी पर्यावरण को ध्यान में रखते हुये ही दी जाये।

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