Thursday, May 9, 2024

उत्तराखंड: स्टिंग ऑपरेशन मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत समेत चार को नोटिस जारी करने का आदेश

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

देहरादून। बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन 2016 मामले में सीबीआई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और स्टिंग ऑपरेशन से जुड़े उस समय पत्रकार वर्तमान में विधायक उमेश कुमार को अपनी-अपनी आवाजों का नमूना देने का नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। सीबीआई के जांच अधिकारियों की ओर से इस आशय का अनुरोध सीबीआई कोर्ट से किया गया था, जिस पर सीबीआई कोर्ट ने इन चारों की आवाजों के नमूने लेने का आदेश दिया है। इस आदेश पर इन चारों को नोटिस जारी किया जाएगा।

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश धर्मेंद्र सिंह अधिकारी की अदालत में इस प्रकरण की सुनवाई 20 जून को हुई थी, जिस पर जांच अधिकारियों द्वारा इस आशय की मांग की गई थी। सीबीआई अधिकारी सियाराम मीणा तथा निरीक्षक एसके वर्मा की ओर से अदालत में आवेदन दिया गया था। इसके माध्यम से हरीश रावत, डॉ. हरक सिंह रावत, उमेश कुमार तथा मदन सिंह बिष्ट की आवाज का नमूना लेने की अनुमति मांगी गई थी। बताया गया कि अदालत ने 8 जून को इन लोगों को नोटिस भी जारी किए थे, लेकिन अब तक यह नोटिस इन्हें नहीं मिल पाए थे जिसके बाद अदालत ने दोबारा नोटिस जारी करने के साथ प्रबल पैरवी करने का सीबीआई को आदेश दिया। इस प्रकरण की अगली सुनवाई 4 जुलाई को होनी है।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

सीबीआई ने दून शाखा के बजाए एनसीआर में यह मामला दर्ज किया था। सुनवाई के लिए वहां की टीम कोर्ट में उपस्थित हो रही है।

इस प्रकरण में डॉ. हरक सिंह रावत पर अपनी ही सरकार को गिराने के आरोप लगे थे। इस आरोप की गूंज 2016 में राष्ट्रीय स्तर पर हुई थी। इस मामले में उस समय एक मीडिया संस्थान से जुड़े उमेश कुमार (वर्तमान निर्दलीय विधायक) ने हरीश रावत का एक स्टिंग किया था और इसी स्टिंग में यह सामने आया था कि इस मामले में विधायक मदन सिंह बिष्ट भी शामिल रहे। साथ ही डॉ. हरक सिंह रावत का नाम भी आया था। उमेश कुमार ने जो वर्तमान में निर्दलीय विधायक है, ने यह दावा किया था कि हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग की जा रही है जिसमें रुपयों के लेने देन का दावा किया था। बाद में इस प्रकरण को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया था।

इस संदर्भ में हरीश रावत का कहना है कि जब तक मेरे पांव और मुंह, दोनों चलेंगे, सीबीआई आदि दोस्त मेरे नजदीक रहेंगे ही रहेंगे। हम प्रतिपक्ष हैं, मगर सरकारी एजेंसीज के विरोधी नहीं हैं, सहयोग रहेगा। मैं 1970-71, 72 में स्कूल का प्रबंधक, युवक कांग्रेस का जिला अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख जैसे पदों पर विराजमान हो चुका था। तब से लगभग 40-45 साल किसी न किसी पद को जो सत्ता को प्रभावित कर सकता है उसके निकट रहा। मैंने जो खोना था 2017 से 2022 तक खो चुका हूं। जितना सीबीआई आदि आगे बढ़ेंगे उतना कुहासा जो पैदा किया गया है, जो भ्रम प्रचारित किया गया है, वह छटेगा। भगवान केदार जो करते हैं वह अच्छा ही होता है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,237FansLike
5,309FollowersFollow
47,101SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय