नई दिल्ली। एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में अवश्विास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन के बारे में बात करने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से गुरुवार को सदन में पूछा कि क्या वह इस तथ्य को जानते हैं कि आंदोलन को यह नाम एक मुसलमान ने दिया था।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए ओवैसी ने कहा, “हमारे गृह मंत्री कल ‘भारत छोड़ो’ के बारे में बात कर रहे थे। अगर उन्हें पता होता कि ‘भारत छोड़ो’ शब्द एक मुस्लिम द्वारा रखा गया था, तो वह इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करते। मैं कहना चाहता हूं कि आप जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं, उससे देश को नुकसान होगा। मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि क्या हिंदुत्व देश से ज्यादा महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने हरियाणा हिंसा का मुद्दा भी उठाया और कहा कि देश में नफरत का माहौल बनाया जा रहा है और नूंह में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है।
मणिपुर पर उन्होंने कहा कि वहां महिलाओं के साथ दुष्कर्म हो रहा है और कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है, लेकिन मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को क्यों नहीं हटाया गया।
एआईएमआईएम प्रमुख ने सीमा मुद्दा भी उठाया और सरकार से इस मामले पर बोलने और “चीन को देश से बाहर फेंकने” के लिए कहा।
यहां तक कि उन्होंने एक रेलवे बल के जवान द्वारा ट्रेन के अंदर चार मुस्लिम लोगों की गोली मारकर हत्या करने का मुद्दा भी उठाया और जानना चाहा कि देश में किस तरह का माहौल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस पर हमला करते हुए, ओवैसी ने कहा कि इस देश में एक व्यक्ति “चौकीदार” है, जबकि दूसरा “दुकानदार”। ”दुकानदार” शब्द राहुल गांधी पर उनके ‘मोहब्बत की दुकान’ वाक्यांश के लिए लक्षित था।