नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में चूक के मामले के सभी छह आरोपित गुरुवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किये गए। पेशी के बाद दिल्ली पुलिस ने आरोपितों के पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति मांगी। कोर्ट दिल्ली पुलिस की इस अर्जी पर 2 जनवरी को सुनवाई करेगा।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से कहा कि सभी आरोपितों से यह पूछा जाए कि क्या वह पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए तैयार हैं। कोर्ट को यह बताया गया कि आरोपितों की ओर से विधिक सहायता प्राधिकार की ओर से उपलब्ध कराए गए वकील अभी दिल्ली में उपलब्ध नहीं हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि विधिक सहायता प्राधिकार की ओर से उपलब्ध कराए गए वकील से आरोपितों की बात करना जरूरी है। तब दिल्ली पुलिस ने कहा कि इसकी वजह से हमारी जांच में देरी होगी। पुलिस ने कोर्ट से कहा कि दिल्ली विधिक सहायता प्राधिकार के किसी दूसरे को बुला लिया जाए।
इस मामले में आरोपितों सागर शर्मा, नीलम आजाद, महेश कुमावत, ललित झा, डी. मनोरंजन और अमोल शिंदे को पेश किया गया। फिलहाल ये सभी आरोपित 5 जनवरी तक की पुलिस हिरासत में हैं। दिल्ली पुलिस ने इन आरोपितों के खिलाफ यूएपीए की धारा 16ए के तहत आरोप लगाए गए हैं।
दरअसल, 13 दिसंबर को संसद की विजिटर गैलरी से दो युवक लोकसभा में कूदे थे। कुछ ही देर में एक युवक ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जूतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा। इस घटना के बाद सदन में अफरा-तफरी मच गई। हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की। कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया। संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए, जो नारेबाजी करने के साथ ही पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे।