मेरठ। मेरठ मंडप एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज गुप्ता व महामंत्री विपुल सिंघल ने माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा पारित आदेश के संदर्भ में वीके उपाध्याय निदेशक, भूगर्भ जल विभाग से उनके कार्यालय इंदिरा भवन, लखनऊ में बैठक कर ज्ञापन दिया।
संज्ञान में लाया गया कि हाल ही में भूगर्भ जल विभाग द्वारा मेरठ तथा प्रदेश के अन्य जिलों में होटल, रेस्टोरेंट मंडप विवाह स्थल का व्यवसाय कर रहे कुछ प्रतिष्ठानों पर विभाग द्वारा रजिस्ट्रेशन /अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के लिए कहा गया।
अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने कहा कि भूगर्भ जल विभाग द्वारा ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाने हेतु व्यवसायियों द्वारा वन टाइम रजिस्ट्रेशन लेने हेतु फॉर्म भरते समय छोटी-छोटी त्रुटि के कारण आवेदन कैंसिल कर दिए गए और उनके ₹5000 जब्त कर लिए गए। निवेदन किया कि फॉर्म अधिकारी द्वारा जांच कर ₹5000 जमा कराए जाएं और तब उन्हें पंजीकरण पत्र जारी किया जाए।
रजिस्ट्रेशन करने की समयबद्धता को समाप्त करने के लिए कहा और साथ ही विलंब होने पर पेनल्टी न लगाएं जाने की मांग की। छोटे व्यवसाइयों को पंजीकरण से छूट दिलाने व फार्म के सरलीकरण करने की मांग की। महामंत्री विपुल सिंघल ने भू-गर्भ जल स्तर को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए।
इन सुझावों में शहर में बने मकानों की छत अथवा किसी भी प्रकार के खुले स्थल में भूस्वामी को टीन शेड लगाने के लिए विकास प्राधिकरण से ली जाने वाली अनुमति की अनिवार्यता खत्म किये जाने को कहा ताकि एक या एक से अधिक मकान जिनकी छत आपस में मिलती हैं वह टीन शेड लगाकर पतनाले द्वारा वाटर हार्वेस्टिंग कर सके तथा वाटर हार्वेस्टिंग के लिए सहयोग राशी प्रदान किये जाने का प्रवाधान भी होना चाहिए।
मेरठ तथा अन्य जिले जहां पर भूजल स्तर काफी गिर चुका है तथा कई ज़ोन ब्लैक ज़ोन घोषित किए जा चुके हैं उन क्षेत्रों में किसान भाइयों को प्रेरित कर उनकी आय को ध्यान में रखते हुए ऐसी खेती कराए जाने की आवश्यकता है जिसमे पानी की खपत कम हो। एक किलो चावल की खेती में 3,500 से 4,500 लीटर पानी की खपत होती है, ब्लैक जोन में चावल की खेती न करने के लिए प्रेरित किया जाए।
सरकार द्वारा किसान भाइयों को सहयोग के तौर पर बिजली मुफ्त प्रदान की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रो में खेती के लिए बड़े बोरिंग किये जाते है जिनमे पानी का दोहन बहुत ज़्यादा गति से होता है। निवेदन किया कि प्रत्येक किसान को उसकी भूमि के अनुपात में मुफ्त बिजली प्रदान की जाए अथवा जागरूकता कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्र में चलाए जाएं ताकि वह पानी को खेत मे चलाने के समय पंप को बंद करने पर भी ध्यान दें।
शहरी क्षेत्र में बनी डेयरी में गोबर को रखने का स्थान नही होता। जिस कारण पंप चला कर गोबर को तेज़ पानी के बहाव के माध्यम से नाली में डाल जाता है। नगर निगम क्षेत्र अथवा विकसित आबादी क्षेत्र में गाय भैंस की डेयरी संचालक को पानी बचाने के लिए प्रेरित किया जाए। इस मौके पर मेरठ मंडप एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज गुप्ता, महामंत्री विपुल सिंघल, कोषाध्यक्ष नवीन अग्रवाल, लखनऊ होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र जैसवाल, कानपुर के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव सहित अन्य पदाधिकारी होटल स्वामी मौजूद रहे।