नयी दिल्ली। सरकार ने कहा है कि केंद्र की निशुल्क खाद्य वितरण व्यवस्था में राज्य सरकारें यदि और सामग्री निशुल्क देना चाहती हैं तो वह उसे सूची में शामिल करने के लिए स्वतंत्र है।
उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को लोकसभा में पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि केंद्र सरकार गरीबों को निशुल्क खाद्यान्न वितरण कर रही है और यदि राज्य गेहूं और चावल के बदले कुछ और उसमें शामिल करना चाहती है तो उन्हें इसकी छूट है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें चाहे तो गेहूं और चावल के बदले अपने प्रदेश में मोटे अनाज का निशुल्क वितरण गरीबों में कर सकती है। राज्य खुद मोटे अनाज को निशुल्क वितरण की सूची में शामिल कर गरीबों में बांट सकते है।
गोयल ने कहा कि नीति आयोग केंद्र और राज्यों से मिले सुझावों पर फैसला लेता है। उनका कहना था कि अब वह समय नहीं है जब राज्य के अधिकार नियंत्रित थे और उन्हें फैसले लेने के लिए योजना आयोग पर निर्भर रहना पड़ता था।