गुवाहाटी- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार के बजट में पेश वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में रूफटॉप सोलर योजना को रविवार को बड़ी घोषणा बताया और कहा कि सरकार घरों का बिजली का बिल शून्य करने की दिशा में बढ़ रही है।
श्री मोदी ओडिशा और असम के दो दिन के दौरे के अंतिम दिन रविवार को गुवाहाटी के खानापारा में वेटरनरी सांइस कॉलेज मैदान में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में 11,600 करोड़ रुपए की परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। श्री मोदी ने कहा,“ पिछले 10 वर्षों में हमने हर घर तक बिजली पहुंचाने का अभियान चलाया। असम के भाइयों-बहनों और देशवासी भी, मैं बहुत महत्वपूर्ण काम आपके सामने रख रहा हूँ, अब बिजली का बिल भी ज़ीरो करने के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि रूफटॉप सोलर योजना के तहत प्रारम्भ में एक करोड़ परिवारों को सोलर रूफ टॉप लगाने के लिए सरकार मदद करेगी। इससे उनका बिजली का बिल भी ज़ीरो होगा और साथ ही सामान्य परिवार अपने घर पर बिजली पैदा करके, बिजली बेचकर के कमाई भी करेगा।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इस योजना में मकान मालिक को 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। योजना के नियम तय किए जा रहे हैं।
उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए इन परियोजनाओं के लिए असम और समूचे पूर्वोत्तर के लोगों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने शनिवार को संभलपुर में इसी तरह के एक कार्यक्रम में ओडिशा में कुल 68 हजार कारोड़ रुपये से अधिक की बिजली, सड़क, रेल और बुनियादी क्षेत्र की कई परियोजनाओं को शिलान्यास और लोकार्पण किया था।
श्री मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिन परियोजनाओं की आज उन्होंने नींव रखी है, उनसे आने वाले समय में रोजगार काफी अवसर पैदा होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा,“ विकास और विरासत हमारी सरकार की नीति है। असम में डबल इंजन की सरकार सिर्फ विकास की नीति पर काम करती है।”
सभा में असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया , मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ,केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, रामेश्वर तेली , असम सरकार के कई मंत्री, सांसद, विधायकगण और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज मुझे एक बार फिर मां कामाख्या के आशीर्वाद से असम के विकास से जुड़े प्रोजेक्ट्स आपको सौंपने का सौभाग्य मिला है।यहां जिन 11 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है, ये सारी परियोजनाएं असम और पूर्वोत्तर के साथ ही दक्षिण एशिया के दूसरे देशों के साथ इस क्षेत्र की सम्पर्क सुविधाओं को और मजबूत करेंगी।” उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों को इन परियोजनाओं के लिए बधाई दी।
श्री मोदी ने कहा ये परियोजनाएं असम में पर्यटक क्षेत्र में नए रोजगार पैदा करेंगी और खेल प्रतिभा को भी नए अवसर देंगी। इनमें से कुछ परियोजनाएं चिकित्सा शिक्षा और हेल्थ केयर से संबंधित हैं।
उन्होंने कहा कि असम में भाजपा की डबल इंजन सरकार ने राज्य में विकास और विरासत को अपनी नीति का हिस्सा बनाया है। इसका परिणाम आज हम असम के अलग-अलग कोनों में भी देख रहे हैं। असम में आस्था, अध्यात्म और इतिहास से जुड़े सभी स्थानों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। विरासत को संजोने के इस अभियान के साथ ही विकास का अभियान भी उतनी ही तेजी से चल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे तीर्थ, हमारे मंदिर, हमारी आस्था के स्थान, ये सिर्फ दर्शन करने की स्थली ही नहीं हैं। ये हज़ारों वर्षों की हमारी सभ्यता की यात्रा की अमिट निशानियां हैं। भारत ने हर संकट का सामना करते हुए कैसे खुद को अटल रखा, ये उसकी साक्षी है। ” उन्होंने कहा, ‘‘ कोई भी देश अपने अतीत को मिटाकर, भुलाकर, कभी विकसित नहीं हो सकता। मुझे संतोष है कि बीते 10 वर्षों में अब भारत में स्थितियां बदल गई हैं। पिछले 10 वर्षों को देखें, तो हमने देश में रिकॉर्ड संख्या में कॉलेज और यूनिवर्सिटी बनाई हैं। पहले बड़े संस्थान सिर्फ बड़े शहरों में ही होते थे। हमने आईआईटी, एम्स, आईआईएम जैसे संस्थानों का नेटवर्क पूरे देश में फैलाया है। देश में मेडिकल कॉलेज की संख्या करीब-करीब डबल हो चुकी है। असम में भी भाजपा सरकार से पहले छह मेडिकल कॉलेज थे जिनकी संख्या आज बढ़कर 12 हो गयी हैं। असम आज पूर्वोत्तर में कैंसर के इलाज का एक बहुत बड़ा केंद्र बन रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा,“ कहा कि 10 वर्षों में हमारी सरकार ने यहां विकास पर होने वाले खर्च को चार गुना बढ़ाया है। वर्ष 2014 के बाद राज्य में रेलवे ट्रैक की लंबाई 1900 किमी से ज्यादा बढ़ाई गई। इससे पहले की तुलना में राज्य के लिए रेल बजट करीब 400 प्रतिशत बढ़ाया गया है।वर्ष 2014 तक यहां सिर्फ 10,000 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग हुआ करते थे। जबकि पिछले 10 वर्षों में ही हमने 6,000 किमी के नए राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया है। ”
श्री मोदी ने कहा, “ प्रदेशवासियों का जीवन आसान हो, ये हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है। हमने चार करोड़ से अधिक गरीब परिवारों के पक्के घर बनाए हैं। हमने घर-घर पानी, घर-घर बिजली पहुंचाने का अभियान भी चलाया है। उज्ज्वला योजना ने आज असम की लाखों बहनों-बेटियों को धुएं से मुक्ति दी है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत बने शौचालयों ने असम की लाखों बहनों-बेटियों की गरिमा की रक्षा की है। देश में विकास और विरासत पर हमारे इस फोकस का सीधा लाभ नौजवानों को हुआ है। आज देश में पर्यटन और तीर्थ यात्रा को लेकर उत्साह बढ़ रहा है।”
प्रधानमंत्री ने काशी कॉरिडोर ,महाकाल महालोक, केदार धाम अयोध्या धाम में में तीर्थाटन के लिए उमड़ रहे श्रद्धालु जनों की भारी संख्या का उल्लेख करते हुए कहा कि मां कामाख्या दिव्यलोक बनने के बाद यहां भी हम ऐसा ही दृश्य देखने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले10 वर्षों में पूर्वोत्तर में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आए हैं। वर्ष 2014 से पहले पूर्वोत्तर में हिंसा की घटनाओं साधन-संसाधनों के अभाव, सुविधाओं की कमी के बीच पर्यटक यहां आना पसंद करता था। दस साल पहले और आज के असम समेत पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की स्थिति में सकारात्मक बुनियादी बदलाव आए हैं। पूरे पूर्वोत्तर में रेल यात्रा और हवाई यात्रा, बहुत ही सीमित थी। सड़कें संकरी भी थी और खराब भी थी। इन सारी परिस्थितियों को आज भाजपा की डबल इंजन सरकार ने, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने बदला है।
प्रधानमंत्री ने कहा,“ भाजपा की डबल इंजन सरकार हर लाभार्थी तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा लक्ष्य हर नागरिक का जीवन आसान बनाने का है। यही फोकस, तीन दिन पहले जो बजट आया है, उसमें भी दिखता है। बजट में सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर 11 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का संकल्प लिया है।” उन्होंने इसकी तुलना अपने से पहले की सरकार से करते हुए कहा कि 2014 के पहले 10 वर्षों में कुल 12 लाख करोड़ रुपए इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट रहा। जब इतनी बड़ी राशि निर्माण कार्यों में लगती है तो नए रोजगार बनते हैं, उद्योगों को नई गति मिलती है।
उन्होंने कहा,“ मोदी जो गारंटी देता है न उसे पूरा करने के लिए दिन-रात एक करने का हौसला भी रखता है। इसलिए आज पूर्वोत्तर को मोदी की गारंटी पर भरोसा है। आज असम में देखिए, सालों-साल से जो इलाके अशांत थे, वहां अब स्थाई शांति स्थापित हो रही है। राज्यों के बीच सीमा विवाद हल हो रहे हैं। भाजपा सरकार बनने के बाद यहां 10 से ज्यादा बड़े शांति समझौते हुए हैं। पिछले कुछ वर्षों में नॉर्थ ईस्ट में हजारों युवाओं ने हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास का रास्ता चुना है। असम के सात हजार से ज्यादा नौजवानों ने भी हथियार छोड़े हैं, देश के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर चलने का संकल्प लिया है। कई जिलों में अफ्स्पा हटाया गया है। जो क्षेत्र हिंसा प्रभावित रहे हैं, आज वो अपनी आकांक्षाओं के अनुसार अपना विकास कर रहे हैं और सरकार उनकी पूरी मदद कर रही है।”
श्री मोदी ने कहा,“ हमने भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने का लक्ष्य तय किया है। हमने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें असम की, पूर्वोत्तर की बहुत बड़ी भूमिका है।”
असम के दौरे में प्रधानमंत्री ने 1,451 करोड़ की लागत से बने विश्वनाथ चारिआली से गोहपुर तक चार लेन राष्ट्रीय राजमार्ग का उद्घाटन किया।यह राष्ट्रीय राजमार्ग तेजपुर से ईटानगर तक एक वैकल्पिक सड़क सुविधा प्रदान करके यातायत व्यवस्था में सुधार करेगा। इसके अलावा 592 करोड़ की लागत से बने डोलाबारी से जामुगुरी तक चार लेन राष्ट्रीय राजमार्ग का उद्घाटन किया जो तेजपुर शहर में भीड़भाड़ की समस्या समाधान करने के साथ ही असम के उत्तरी तट पर राजमार्गों की गुणवत्ता में सुधार करेगा।
श्री मोदी ने माँ कामाख्या प्रवेश कॉरिडोर (पीएम दिव्यलोक परियोजना) के तहत 498 करोड़ का शिलान्यास किया। गुवाहाटी चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल का अवसंरचना विकास अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के लिए के लिए 3,250 करोड़ की लागत की परियोजना शुरू की गयी है।
प्रधानमंत्री के हाथों जिन परियोजनाओं को उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है उनमें 832 करोड़ की लागत से नेहरू स्टेडियम का विकास , 578 करोड़ की लागत से बने करीमगंज चिकित्सा महाविद्यालय में सुविधा, 300 करोड़ की लागत से चंद्रपुर स्टेडियम ती खेल प्रतिभाओं के लिए एस्ट्रो टर्फ फुटबॉल स्टेडियम , 358 करोड़ की लागत से लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गुवाहाटी को जोड़ने वाली सड़क का चौड़ीकरण, 3,444 करोड़ की लागत से 38 पुलों सहित 43 सड़कों का उन्नयन तथा 297 करोड़ रुपये की लागत से यूनिटी मॉल का शिलान्या शामिल है।