गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर से सोमवार को चौथी ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्ट (री-इन्वेस्ट) मीट तथा एक्सपो का शुभारंभ कराया और इसे ऊर्जा के भविष्य, प्रौद्योगिकी तथा नीति निर्माण का चिंतन पर्व बताते हुए कहा कि एक-दूसरे के अनुभव पर आधारित विचार-मंथन वैश्विक मानवता के कल्याण के लिए लाभदायी सिद्ध होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं शताब्दी के इतिहास में भारत की सोलर क्रांति सुनहरे अक्षरों से लिखी जाएगी। उन्होंने कहा कि गुजरात के मोढेरा गांव में प्राचीन सूर्य मंदिर है। यह गांव आज भारत के प्रथम ‘सोलर विलेज’ के रूप में प्रस्थापित हुआ है। मोढेरा की सभी विद्युत आवश्यकताएं सोलर बिजली से ही पूर्ण हो रही हैं। आगामी समय में भारत के ऐसे अनेक गांवों को सोलर विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा।
इसी प्रकार; सूर्यवंशी भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या को भी देश की सर्वप्रथम सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। अयोध्या में स्ट्रीटलाइट से लेकर घरों तक की सभी बिजली जरूरतें सोलर एनर्जी से ही पूरी की जाएंगी। आगामी समय में भारत के 17 शहरों को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही, देश के किसानों को भी सोलर पावर जनरेशन के लिए सोलर वॉटर पंप दिए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जब देश में रिन्यूएबल एनर्जी की मांग निरंतर बढ़ रही है, तब वर्तमान एवं आगामी पीढ़ी के कल्याणार्थ बिजली की जरूरत को पूर्ण करने के लिए भारत सरकार ने अनेक नई पहलें व नीतियां तैयार की हैं। इसीलिए रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में निवेश तथा इनोवेशन के लिए भारत श्रेष्ठ विकल्प है। उन्होंने सभी निवेशकों को भारत के रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।